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पुलिस ने 50 हजार के इनामी शातिर रुपेश सेठ को दबोचा: 32 लाख का सोना किया बरामद

वाराणसी- वाराणसी जनपद के कैंट और क्राइम ब्रांच की टीम ने जनपद के टाप टेन अपराधी और 50 हजार का इनामिया रूपेश सेठ को धर दबोचा |गिरफ्तार अपराधी की वाराणसी पुलिस को लम्बे अरसे से तलाश थी।पकड़े गए अभियुक्त रुपेश सेठ के पर 50 हजार का इनाम घोषित था।
पुलिस ने रुपेश के पास एक पिस्टल ,32 बोर का कारतूस और कच्चा सोना बरामद किया है।जिसकी कीमत 32 लाख रुपये आंकी जा रही है।
गिरफ्तार अपराधी रुपेश सेठ के उपर करीब 46 मुकदमें दर्ज लगभग दस वर्षो से रूपेश फरार चल रहा था।मुखबिर की सूचना पर कैंट पुलिस व क्राईम ब्रांचकी टीम ने कैंट स्टेशन से गिरफ्तार किया।
पूछताछ के दौरान अभियुक्त रूपेश सेठ द्वारा बताया गया कि मैं अपने साथियों के साथ मिलकर वर्ष 1997 से अपराध कर रहा हू। मैं और मेरे साथियों ने बनारस, भदोही, चन्दौली, गाजीपुर, जौनपुर व बिहार, आसाम में विभिन्न जगहों पर लूटपाट व हत्याएं की हैं। हम लोग भाड़े पर हत्यायें करते थे व बड़े-बड़े स्वर्ण व्यवसायियों को रैकी कर गोली मारकर लूट लेते थें। वर्ष 2008 में मैं जिला कारागार में बंद रहने के दौरान ही मादक पदार्थों की तस्करी में पहले से जिला कारगार में ही बंद मोनी सिंह(बोडो) से प्रेम सम्बन्ध हो गये थे। जेल से छूटते ही हम लोग शादी कर लिए और असम के ग्राम धुपगुडी थाना खेत्री जनपद कामरूप में अपने ससुराल में रहने लगा था। अपने साथियों के सम्पर्क में रहता था। वर्ष 2014 में मोहन सेठ से पैसे को लेकर विवाद हुआ था जिस कारण मोहन सेठ ने मुझे झापड़ से मार दिया था तथा मेरे घर पर ही चढ़ गया था। बेइज्जती का बदला लेने के लिए मैंने अपने साथी गुड्डू मामा व अजय सेठ के साथ मिलकर मोहन सेठ की हत्या कर दिया था तथा हत्या के बाद से ही मैं असम में अपनी ससुराल में छिपकर रहता था। पिछले साल मैने अपने साथियों संदीप जगदाले, सागर चाव्हाण, बृजेश जायसवाल, मोहित गुजराती, मुकेश सेठ के साथ मिलकर 80 लाख का सोना व चांदी को सेठ को पिस्टल दिखाकर डराकर उसकी स्कूटर की डिग्गी से लूट लिया था। मैं अपने साथियों से तभी सम्पर्क करता था जब कोई बड़ी घटना को अंजाम देना होता था। असम में रहने के दौरान मेरा सम्बन्ध असम के अपराधियों से भी हो गया जिससे मुझे छिपकर रहने में आसानी होती थी और वाराणसी व आसपास के अपने साथी अपराधियों को छिपने व रूकने में सहयोग करते थे। मेरे द्वारा वाराणसी व आसपास के जिलों में किये गये अपराधों के काफी पैसा एकत्र कर असम में अपना खुद का मकान बना लिया था तथा व्यवसाय के लिए पोल्ट्री फार्म खोल रखा था ताकि वहां के स्थानीय लोग मेरे पर शंका न सकें।
अपराधी को गिरफ्तारी करने वाली पुलिस टीम में विक्रम सिंह प्रभारी क्राइम ब्रांच, उ0नि0 श्री प्रदीप यादव, हे0का0 सुमन्त सिंह, हे0का0 पुनदेव सिंह एवं थाना प्रभारी निरीक्षक कैण्ट अश्वनी कुमार चतुर्वेदी, उ0नि0 श्री शशिकान्त, उ0नि0 श्री सुरेन्द्र कुमार शामिल थे।

रिपोर्टर:- महेश पाण्डेय

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