बरेली। शहर के नॉवल्टी चौराहा स्थित हजरत सैयद वासिल शहीद उर्फ पहलवान साहब का 208वां उर्स में अंतिम दिन कुल शरीफ की रस्म अदा की गई। बुधवार की सुबह दरगाह पर कुरान ख्वानी का आयोजन किया गया। उसके बाद सुबह 11:40 मिनट पर कुल शरीफ की रस्म अदा की गई। देश में अमन चैन भाई चारे की खास दुआ की गई। नोमान रजा खान ने बताया कि कारी फुरकान रजा नूरी और शहर इमाम मुफ्ती खुर्शीद आलम ने पहलवान साहब की जिन्दगी पर रौशनी डाली। मुफ्ती खुर्शीद आलम ने कहा कि आज की यह महफिल हजरत पहलवान साहब के लिए है। जिन्होंने अपने वतन के लिए अपना सब कुछ कुर्बान करके अंग्रेज़ों से लड़ाई लड़ते हुए शहीद हुए। शहर इमाम ने कहा कि वक्त आने पर हमारा बच्चा बच्चा सरकार पहलवान साहब के नक्शेकदम पर चल कर अपने देश के लिए अपना सब कुछ कुर्बान करने के लिए तैयार है। हाजी गुलाम सुब्हानी ने पहलवान साहब की शान मे नात व मनकबत का नजराना पेश किया। कुल शरीफ मौलाना तौकीर रजा खान की सरपरस्ती और डॉ नफीस खान की सदारत मे सम्पन हुआ। इसके बाद दरगाह पहलवान के सज्जादानशीन हजरत फरहान रजा खान ने सबको लंगर बांटा। उर्स व्यवस्थाओं में मुख्य रूप से इमरान खान, शहजाद पठान नियाजी रिजवान हुसैन अंसारी, रहबर अंसारी, सय्यद रेहान अली, यासीन नूरी, सोहेब हसन अल्वी, मो शफी, नदीम खान, अफजल बेग, इफ्तिखार कुरैशी, आर्यन रजा खान, निजाम कुरैशी, जाहिद रजा, जावेद खान, वासिफ यार खान, ईशान अंसारी आदि मौजूद रहे।।
बरेली से कपिल यादव