आज पत्रकारों को पत्रकारिता करते समय विभिन्न समस्याओ का सामना करना पडता है जिसको लेकर जर्नलिस्ट काउंसिल ऑफ इंडिया के राष्ट्रीय अध्यक्ष अनुराग सक्सेना व राष्ट्रीय सचिव दानिश जमाल ने स्थानीय पत्रकारो के साथ एक बैठक की।
बैठक के दौरान विभिन्न पत्रकारो ने अपनी समस्याओ से अवगत कराया।जिसमे पत्रकारो की सुरक्षा को लेकर सवाल उठाया गया। आज सच का सामना कराना पत्रकारो के लिए एक चुनौती बन गया है। पक्षधर व पूर्वाग्रही पत्रकारिता लोकतंत्र के साथ ही पत्रकारिता जगत के लिए भी घातक साबित हो रही है। राष्ट्रीय अध्यक्ष अनुराग सक्सेना ने कहा कि आज पत्रकारो को यह समझना चाहिए कि वह एकजुट होकर ही हर समस्या का सामना कर सकते है आज देश मे मीडिया आयोग का गठन होना आवश्यक हो गया है। क्योकि सच का सामना कराने पर या तो पत्रकार को झूठा मुकदमा झेलना पड़ता है या अपनी जान से हाथ धोना पड़ता है। देश मे लगातार हो रहे पत्रकारो पर हमले इसका प्रमाण है।
संगठन मीडिया आयोग की मांग को उठा रहा है। लोकतंत्र मे हर किसी को अपनी बात कहने का अधिकार है।इसी के साथ देश के सर्वोच्च न्यायालय ने यह व्यवस्था दी है कि हर किसी की एफआईआर दर्ज की जाये।मीडिया आयोग के गठन के बाद यदि किसी पत्रकार को झूठे मुकदमे में फंसाया जाता है तो पहले उसकी निष्पक्ष जांच हो और दोषी पाये जाने पर ही उस पर कार्यवाही हो।अन्यथा बेवजह उसे परेशान न किया जाये।अभी हाल ही स्वतंत्र पत्रकार मनदीप पूनिया को जेल भेज दिया गया जो पूरे पत्रकारिता जगत के लिए दुर्भाग्यपूर्ण है।इस घटना की पत्रकार जगत मे जमकर आलोचना की गयी।
डिजिटल मीडिया के रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया अभी तक सरकार नही लाई है।हालाकि सरकार द्वारा प्रेस एवं पत्रिका विधेयक 2019 का मसौदा तैयार किया गया किन्तु अभी तक कोई सकारात्मक कार्यवाही सामने नहीं आई है। इसीलिए डिजिटल मीडिया के पत्रकारो को अब भी वह मान सम्मान नहीं मिल पा रहा है जो अन्य पत्रकारो को मिलता है। आज छोटे समाचार पत्रो के साथ साथ बडे बडे मीडिया हाउस भी डिजिटल मीडिया का सहारा ले रहे है फिर सरकार डिजिटल मीडिया के रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया को शुरू करने मे क्यो देर कर रही है।
आज निष्पक्ष पत्रकारिता ही समाज व सरकार का सही मार्गदर्शन कर सकती है इसलिए लोकतंत्र के चौथे स्तंभ का वर्चस्व बनाए रखने के लिए जरूरी है कि हमेशा निष्पक्ष और निर्भीक होकर ही पत्रकारिता की जाये।