बरेली। कोरोना के चलते शासन ने सरकारी दफ्तरों में रोस्टर के अनुसार 50 फीसदी कर्मचारियों को बुलाने के निर्देश दिए हैं लेकिन बेसिक शिक्षा विभाग के अधिकारी ऐसे माहौल में भी शिक्षकों पर करवाई करने से पीछे नहीं हट रहे हैं। बल्कि स्कूलों में शिक्षकों की शत प्रतिशत उपस्थिति को जांचने के लिए अपने अधीनस्थों को जिम्मेदारी दी है। विभागीय सूत्रों की मानें तो शुक्रवार को बीएसए के निर्देश पर कई अलग-अलग ब्लॉकों में स्कूलों का निरीक्षण किया गया। निरीक्षण में बड़ी संख्या में शिक्षक अनुपस्थित मिले। कुछ विद्यालय बंद भी थे। शिक्षक संघों ने छुट्टी के बाद भी निरीक्षण का विरोध किया है। ऐसे समय में बीएसए की ओर से स्कूलों का निरीक्षण कराए जाने से शिक्षकों में आक्रोश है। शिक्षकों ने स्कूलों में रोस्टर जारी करने की मांग की है। शिक्षकों का कहना है की विभाग की ओर से जारी आदेश अस्पष्ट है। इस कारण शिक्षकों में संशय की स्थिति बनी हुई है। यूटा के जिलाध्यक्ष भानु प्रताप सिंह ने कहा कि प्रदेश मे सभी विद्यालय 30 जनवरी तक बंद हैं। जो अब 6 फरवरी तक का हो गया है इसके बाद भी शिक्षक इतनी ठंड में विभाग के सभी कार्य कर रहे हैं। बीएसए कार्यालय में 50 फीसदी कर्मचारियों की उपस्थिति का रोस्टर लागू है तो स्कूलों के लिए साफ आदेश क्यों नहीं किया गया। अगर किसी शिक्षक पर कोई कार्रवाई हुई तो यूटा कोर्ट जाएगा। उधर जूनियर हाईस्कूल शिक्षक संघ के मंडल अध्यक्ष डॉ. विनोद शर्मा ने भी विरोध जताया है। उन्होंने बीएसए से शिक्षकों की उपस्थिति के बारे में साफ आदेश करने को कहा है ताकि शत प्रतिशत शिक्षकों की उपस्थिति स्कूलों में हो सके और किसी प्रकार की भ्रम की स्थिति न रहे।।
बरेली से कपिल यादव