बरेली। नगर निगम बरेली मे फर्जी नियुक्ति का एक बड़ा मामला सामने आया है। मृतक सफाई कर्मचारी के नाम पर किसी और ने खुद को उनका पुत्र बताकर मृतक आश्रित कोटे से सरकारी नौकरी हासिल कर ली। फर्जी नियुक्ति के संबंध मे शासन तक शिकायत पहुंची। शिकायत पत्र मे दस्तावेज भी दिए गए। शिकायत के बाद नगर निगम के स्वास्थ्य विभाग मे हड़कंप मच गया है। उत्तर प्रदेशीय सफाई मजदूर संगठन ने शासन मे जो शिकायत की है उसमे एक व्यक्ति ने खुद को मृतक सफाई कर्मचारी लालजी का पुत्र रघुनन्दन बताकर फर्जी दस्तावेजों के सहारे सफाई कर्मचारी के पद पर नियुक्ति पा ली। आरोप है कि लालजी की मौत 17 जनवरी 1983 को हुई थी जबकि उस व्यक्ति की नियुक्ति लगभग दस साल बाद कर दी गई जो नियमों के खिलाफ है। शिकायतकर्ता का कहना है कि असली पुत्र रहस्यमय तरीके से गायब है। इसलिए व्यक्ति ने उसकी जगह लेकर निगम अधिकारियों को गुमराह किया और सालों तक वेतन प्राप्त करता रहा। बाद मे उसने अधिकारियों के फर्जी हस्ताक्षर बनवाकर खुद को कार्यवाहक लिपिक भी घोषित कर लिया। मामले की जांच की मांग करते हुए शिकायत प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री और शासन स्तर तक भेजी गई है। आरोप है कि इस फर्जी नियुक्ति से नगर निगम को करीब एक करोड़ रुपये से अधिक की वित्तीय क्षति हुई है। मामला खुलते ही और शिकायत सामने आने पर नगर निगम के स्वास्थ्य विभाग में हड़कंप मच गया है। नगर आयुक्त संजीव कुमार मौर्य ने संबंधित विभाग के अधिकारियों से रिपोर्ट मांगी है। अपर नगर आयुक्त, नगर स्वास्थ्य अधिकारी समेत अन्य अधिकारियों को दिशा निर्देश दिए है।।
बरेली से कपिल यादव
