हरिद्वार/रुड़की – नगर व आसपास के इलाकों में रमजान उल मुबारक के पहले जुमा की नमाज बड़ी अकीदत के साथ अदा की गई। नगर की प्रमुख जामा मस्जिद के अलावा सिविल लाइन मस्जिद, आईआईटी स्थित मस्जिद,सफ़र मैना मस्जिद,मस्जिद बिलाल मरकज वाली मस्जिद,मोती मस्जिद,कानूनगोयान वाली मस्जिद,मस्जिद लोहारान,साबिर मस्जिद,मोती मस्जिद,शेख बेंचा मस्जिद,आयशा मस्जिद,नूर मस्जिद,मस्जिद हुसैनिया,उमर बिनखत्ताब मस्जिद,मस्जिद ए हव्वा,मस्जिद अबूबकर,मक्का मस्जिद,नमरा मस्जिद,कब्रस्तान वाली मस्जिद,मदरसा मखदूम बख्श वाली मस्जिद,झोजो वाली मस्जिद,सिद्दीकी मस्जिद,मस्जिद रशीदिया,मदीना मस्जिद,बंधा रोड वाली मस्जिद,रहीमिया मस्जिद के अलावा आजाद नगर शेखपुरी,कचहरी,गुलाब नगर, मदरसा मिस्बाह उल उलूम, मदरसा इरफान उल उलूम स्थित मस्जिदों में बड़ी संख्या में रोजेदारों ने जुमे की नमाज अदा की।जुमे की नमाज के अलावा रोजेदारों ने देश में प्रदेश की खुशहाली तथा अमन चैन व शांति के साथ ही कौम की तरक्की की भी दुआ मांगी।जामा मस्जिद में जुमे की नमाज से पहले अपने तकरीर में मौलाना अजहर उल हक ने कहा कि यह पूरा महीना खुदा की इबादत का महीना है। रमजान का महीना बहुत ही पवित्र और खुदा की रहमतों व बरकतों का नाजिल होने वाला महीना है।उन्होंने कहा कि रोजा पहली इबादत तथा दूसरी इबादत तरावीह का पढ़ना है।मुसलमानों के लिए यह महीना मगफिरत और दोजख से आजादी का महीना है।मौलाना अरशद कासमी ने कहा कि इस महीने के पहले दस दिन रहमतों के हैं,जिसमें अल्लाह अपने बंदों पर रहमतों की बारिश करता है।इस पाक महीने में खुदा अपने फजलों करम से नेकियों में सत्तर गुना की बढ़ोतरी कर देता है,यानी आप एक नेकी करोगे तो अल्लाह आपको उस एक नेकी का सवाब सत्तर नेकी के बराबर अता फरमाएगें।जामा मस्जिद में जुमे की नमाज कारी कलीमुद्दीन साहब ने अदा कराई।इन के अलावा मदरसा दारुस्सलाम के कारी शमीम अहमद,कारी मोहम्मद हारून,मौलाना नसीम कासमी,कारी नफीस अहमद, कारी जाकिर हुसैन,कारी मजहर हुसैन,मौलाना मोहम्मद यूसुफ, कारी सरफराज,हाफिज अशरफ हुसैन,कारी जावेद आलम,कारी मुसर्रत अली आदि ने भी रमजान की महत्ता पर प्रकाश डाला।
– रूडकी से इरफान अहमद की रिपोर्ट