बरेली। जीएसटी की नई दरे लागू होने के बाद से ही बाजार मे बूम नजर आ रहा है। कारोबारियों ने धनतेरस पर ग्राहकों को लुभाने के लिए तैयारियां पूर्ण कर ली हैं। इस वर्ष सिर्फ धनतेरस पर 250 से 300 करोड़ का कारोबार होने की संभावना जताई जा रही है। सोना-चांदी के दाम आसमान छूने के बाद भी मांग पर कोई असर नही है। सोना-चांदी की खूब खरीदारी हो रही है। इस बार बर्तन बाजार भी खूब चमक रहा है। दरअसल, धनतेरस पर सर्वाधिक विक्री बर्तन, सर्राफा, इलेक्ट्रॉनिक्स आइटम समेत पाने की होती है। स्टील खरीदने के ट्रेड में बदलाव हुआ है। ग्राहक चांदी और तांबे के बर्तन खरीदना पसंद कर रहे हैं। जीएसटी में मिली रियायत के बाद ऑटो मोबाइल सेक्टर में लगातार बढ़ रहीं एडवांस बुकिंग के चलते समय पर वाहन की डिलीवरी तक देना दूभर हो गया है। हालांकि, त्योहारी सीजन के चलते कारोबारियों के चेहरे खिले नजर आ रहे है। दिवाली पूजन के लिए लक्ष्मी-गणेश की मूर्तियों की दुकाने बाजारों में सज गई है। बाजार में पीओपो, मिट्टी, ईको फ्रेंडली मूर्तियां मौजूद हैं जो 40 से 2500 रुपये कीमत में उपलब्ध हैं। ग्राहक अपनी पसंद की मूर्तियों को खरीद रहे हैं। वहीं दिवाली पर खील, मुरमरे, मीठे खिलौना पूजा के लिए लोग खरीदते हैं, वह भी बाजार में 80 रुपए किलो के हिसाब से बिक रहे है। दिवाली के नजदीक आते ही बाजार मे दीये और मोमबती खरीदने ग्राहक पहुंच रहे है। बाजारों में मिट्टी के परंपरागत दीयों के साथ ही रंग बिरंगे डिजायनर दीये मौजूद है। सामान्य दीये 80 रुपये सैकड़ों के हिसाब से मिल रहे है वहीं पंचमुखी दीया 30 से 40 रुपये का एक और डिजाइनर दीए 10 से 20 रुपये के हिसाब से मिल रहे है। मोमबती 200 से 250 रुपये किलों के हिसाब से बाजार में बिक रही है और पैकेट के हिसाब से भी अलग-अलग कीमत में मोमबतिया उपलब्ध है।।
बरेली से कपिल यादव
