देवभूमि हरिद्वार में उमड़ा जनसैलाब हमारे समाज की कुरितियों को मिटाने के लिए : चारणाचार पाठशाला समूह

बाड़मेर/राजस्थान- चारणाचार की पाठशाला समुह का आध्यात्मिक और सामाजिक चिंतन शिविर देव दिवाली के शुभ अवसर पर श्री चारण गढ़वी सेवा सदन शक्ति कुंज हरिद्वार में आयोजित किया गया जिसमें सैकड़ों सम्माननीय सदस्यों ने इसमें भाग लिया। कार्यक्रम के प्रथम चरण में दिन में सवा ग्यारह बजे श्री करणी माता मंदिर में माताजी महाराज की जोत करके भोग लगाया गया फिर पाठशाला समुह के सबसे वरिष्ठ सदस्य बीके गढ़वी मुम्बई द्वारा दीप प्रज्ज्वलित कर कार्यक्रम की विधिवत शुरुआत की।

कार्यक्रम की सेवानिवृत्त मोहन सिंह रतनू द्वारा माताजी महाराज के छंदों का पठन कर शुरुआत की गई। भवानी सिंह कविया द्वारा इस आध्यात्मिक और सामाजिक चिंतन शिविर की वर्तमान समय में आवश्यकता और भविष्य की कार्य योजना पर विस्तृत प्रकाश डाला गया। शिक्षा की अलख जगाने में अग्रणी राजेन्द्र सिंह बीठु झणकली राजन कवि ने माताजी महाराज के छंदों का पठन किया। राजेन्द्र सिंह जी कविया संतोषपुरा द्वारा छंदों का पठन किया गया।

कार्यक्रम में सवाई दान सिंहढायच कूबिया, कर्नल रतन सिंह पालावत, ओमप्रकाश उज्वल, बीके गढ़वी मुम्बई, सुखदेव सिंह सडु, बलवंत सिंह रुपावास, सरदार सिंह सांदू श्रीमती सुनीता कविराज, श्रीमती ममता बारहठ, श्रीमती सुलक्षणा खिड़िया ने टीका दहेज जैसी सामाजिक समस्याओं को जड़ से खत्म करने और चारणाचार को बचाए रखने हेतु विजातीय विवाह को हतोत्साहित करने वाले उपायों पर विस्तृत विचार विमर्श किया गया।

कार्यक्रम का दूसरा चरण शाम को चार बजे से आठ बजे तक आयोजित किया गया जिसमें पधारे हुए सभी बंधुओं ने अपने अपने अमूल्य विचार प्रकट किए गए। मोहन सिंह रतनू द्वारा विजातीय विवाह में भाग नहीं लेने सहित राजस्थानी भाषा को मान्यता दिलवाने और चारण समाज के बारे में जानकारी के अभाव में यूपी के लोगों द्वारा भाट जाती से तुलना करने का कठोरता से प्रत्युत्तर देने पर संकल्प सर्व सम्मति से पारित करवाया गया।कार्यक्रम का सफल संचालन सरदार सिंह सांदू सिहु द्वारा किया गया।

सभी आगन्तुकों ने एक स्वर में कहाँ की आज आप सभी के चेहरे पर खुशी देखकर ऐसा लगता है कि कुल मिलाकर चारणाचार की पाठशाला समुह ने अपनी जाजम बिछाकर सामाजिक कुरीतियां दूर करने और विजातीय विवाह को रोकने की कार्ययोजना पर विस्तृत विचार विमर्श शुरु कर दिया है जिसके निकट भविष्य में बेहतरीन परिणाम प्राप्त होने की प्रबल संभावना जागृत हो चुकी है और इसके लिए सभी का बहुत बहुत आभार अगली बार इससे ज्यादा सख्याबल होगी। सवाई दान सिंहढायच कूबिया द्वारा सभी पधारे हुए मेहमानों का आभार व्यक्त किया गया।

– राजस्थान से राजूचारण

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