बिजनौर/शेरकोट – आजकल मोटरसाइकिल का दौर है मोटरसाइकिल 25 साल पुरानी हो लेकिन फिर भी वह सड़क पर दौड़ रही है कई बार टूट-फूट हो चुकी है बाइक बिल्कुल खटारा हो गई है फिर भी जुगाड़ करके काम चलाया जा रहा है विभागीय अधिकारियों की लापरवाही के चलते इन दो पहिए वाहनों की फिटनेस को कोई चेक नहीं करता अगर बाइक स्कूटर धुआं दे रही है वाहन चालक को इसकी परवाह नहीं बस वह दौड़ाये जा रहा है सड़क पर ट्रैक्टर टेंपो विक्रम बेखौफ होकर दौड़ रहे हैं लेकिन इनकी फिटनेस की कोई जांच नहीं करता कहने को तो सड़कों पर पुलिस तैनात रहती है लेकिन अनफिट वाहन से उसे कोई मतलब नहीं आंखें मूंदे बैठा है सड़क पर बाइक जा रही है उसमें ब्रेक कम है लाइट है या नहीं इंडिकेटर टूटा है उसे चेक करने वाला कभी कोई दिखाई नहीं देता अगर दिखाई देता है तो ओवरलोड ट्रक । जिससे पाकेट गर्म होती है अंत में यह सभी हादसों को दावत देते हैं इन हादसों से लोगों की जान तक चली जाती है नगर की जनता ने बुद्धिजीवी वर्ग ने समाजसेवी संस्थाओं ने समाज सेवी संगठनों ने विभागीय अधिकारियों से मांग की है कि वह ऐसे खटारा वाहनों पर रोक लगाएं जिससे दुर्घटना होने का खतरा रहता है तथा उनके धुए से वायु प्रदूषण बढ़ता है ।
– रिपोर्ट पंडित दिनेश शर्मा विकार अंजुम
दुपहिया वाहनों की कोई नहीं चेक करता फिटनेस
