बरेली। रंगालय एकेडमी ऑफ आर्ट एंड कल्चर सोसाइटी द्वारा थिएटर अड्डा में 15 दिवसीय थिएटर फेस्ट के चौथे दिन एमेच्योर थिएटर ग्रुप गोरखपुर ने नाटक सिजोफ्रेनिया का मंचन किया।
सिजोफ्रेनिया एक ऐसा मानसिक रोग है जिसमे पीड़ित वर्तमान से बिल्कुल कट जाता है। उसे सिर्फ पुरानी यादें रह जाती है उसे वो आवाजे भी सुनाई देती है जो वास्तव में होती ही नही है। इसी रोग को केंद्र में रखकर रचा गया नाटक सिजोफ्रेनिया दर्शको को भोतर तक झकझोर गया। नाटक का नायक नासिर अपनी पीड़ित माँ की देखभाल करता है जबकि उसका भाई सलीम मां की पेंशन और बैंक बैलेंस पर नज़र गड़ाये रखता है और उसे मां की बीमारी से कोई मतलब नही। माँ की देखभाल करने की जद्दोजहद में सलीम को उसके प्रोजेक्ट से निकाल दिया जाता है। सलीम के परिवार के सामने आर्थिक संकट खडा हो जाता है। इसी बीच मां की मृत्यू होने के बाद आर्थिक रूप से टूटा सलीम मानसिक रूप से भी टूट जाता है।और नियति का खेल ऐसा होता है कि सलीम भी सिजोफ्रेनिया का शिकार हो जाता है।नाटक ये संदेश देने में सफल रहता है कि यदि हम इंसान की भावनाओं को समझ कर सहयोग करे तो उसे मानसिक रोगी होने से बचा सकते है।नाटक में मीरा सिकदार, शशि शेखर, मुकेश प्रधान, अंजना लाल, अमन श्रीवास्तव, नंदा राम जाट, रितिक सिंह, आदित्य राजन, आसिफ ज़हीर ने मुख्य भूमिकाएं निभाई। लेखन एवं निर्देशन आसिफ जहीर का रहा।
इससे पहले कार्यक्रम का शुभारम्भ डॉ. विनोद पागरानी, कौशल सारस्वत ने दीप प्रजवल्लित करके किया। कार्यक्रम का संयोजन शैलेन्द्र कुमार आज़ाद ने किया। कार्यक्रम को सफल बनाने में शालिनी गुप्ता, शुभी, सुशील सक्सेना, मोहित सक्सेना, अजय गौतम, सचिन श्याम भारतीय, संजय शर्मा का सहयोग रहा।
कल फिरोजाबाद की टीम नाटक ‘फन्दी’ का मंचन करेगी।
– बरेली से सचिन श्याम भारतीय