*कांग्रेस को एक बार फिर से दिखानी होगी एकता
*इस चुनाव में चरणों की संख्या हो सबसे ज्यादा
मध्यप्रदेश/तेन्दूखेड़ा- विधानसभा चुनाव खत्म होने के बाद कांग्रेस ने अपनी सरकार बना ली है लेकिन आज से ठिक करीब तीन माह बाद लोकसभा चुनाव की गर्मी फिर एक बार तुल पकडे़गी आगे आने वाले लोकसभा चुनाव के पहले केंद्र की मोदी सरकार और मध्यप्रदेश की कमलनाथ के नेतृत्व वाली सरकार के पास कुछ हटकर दिखाने के लिए मात्र 90दिन का ही समय है नविन वर्ष के तिसरे माह में आगमी लोकसभा चुनाव की तारीखों का एलान हो जायेगा और साथ ही आचार संहिता भी लागू हो जायेगी पूर्व में लोकसभा चुनावों को करीब 6 चरणों में समाप्त कर दिया गया था लेकिन चुनाव आयोग के द्वारा इस बार चरणों की संख्या 8 से 12करने के आसार नजर आ रहे हैं ज्ञातव्य है कि बीजेपी महाराष्ट्र सहित कुछ अन्य बीजेपी शासित राज्यों के चुनाव भी 6महिने पहले लोकसभा के साथ करवा सकती है जिसमें चरणों की संख्या बढ़कर 8 से 12हो सकती है यदि ऐसा हुआ तो चुनाव का समय पुरा अप्रैल और मई दोनों महिनों में देश के अलग अलग ईलाके में होंगे लोकसभा का यह चुनाव इस बार का कांग्रेस और बीजेपी के लिए करो या मरो की स्थिति का होगा जहां मोदी सरकार के नेतृत्व में बीजेपी ने देश की आजादी के बाद पहली बार खुद के बहुमत से सरकार बनाकर कांग्रेस को इतना पिछे धकेल दिया था कि कांग्रेस विपक्ष के नेता का पद तक नहीं पा सकी थी वहीं बीजेपी की सरकार द्वारा नोटबंदी जीएसटी के साथ किसानों की बेरोजगारी के मुद्दे पर मोदी सरकार थोड़ा बैकफुट नजर आती है जिससे मोदी सरकार कुछ अलोकप्रिय हुई है साथ ही राफेल मामले में सुप्रीम कोर्ट से क्लीन चीट के बाद कांग्रेस हमलावर है और बीजेपी डिफेंसिव नजर आ रही है सूत्रों की माने तो मोदी सरकार आसानी से हार मानने वालों में से नहीं है वे राम सेना कर्जमाफी जैसे बडे़ मुद्दों को हथियार बनाकर अगले लोकसभा चुनाव में कांग्रेस गठबंधन का सामना करेंगे संभवतः यदि 19 जनवरी को भी सुप्रीम कोर्ट ने अगर राम मंदिर मामले की सुनवाई टाली तो मोदी सरकार कानून बनाकर आयोध्या में जाकर राम मंदिर का निर्माण कर भूमिपूजन कर सकती है कुछ और मामलों में जैसे मिनी कारगील -2 या सर्जिकल स्ट्राईक- 2 जैसी कुछ हो और वहीं भी चुनाव में जाने के ठीक पहले और साथ ही किसानों के करीब 4 लाख करोड़ रुपए कर्जमाफी की भी चर्चाएं है कांग्रेस सरकार के पास तीन राज्य मध्यप्रदेश राजस्थान और छत्तीसगढ़ में किसान कर्जमाफी बरोजगारी को भत्ता और अन्य कई योजनाओं को तुरंत लागू कर लोकसभा में जाने का मोका है साथ ही कमलनाथ अशोक गहलोत और भूपेश बघेल तीनों पर कांग्रेस आलाकमान का दबाव भी है इसके लिए कांग्रेस को जल्द से इन मुद्दों पर फैसला लेने की जरुरत है जिससे लोकसभा में इसका फायदा हो सकें राम मंदिर मामले पर कांग्रेस तटस्थ रहने के मूड़ में है यानि मंदिर निर्माण का विशेष नहीं करेगी और राफेल पर लगातार हमलावर रहकर मोदी सरकार पर हमला करती रहेगी।
– विशाल रजक मध्यप्रदेश