आजमगढ़- आजमगढ़ में शहर के तीन तरफ से हो कर बहने वाली तमसा नदी के अस्तित्व को बचाने को लेकर एक तरफ जहाँ नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल ने नदी से 75 मीटर के दायरे में आने वाले निर्माण व भवनों के ध्वस्तीकरण का निर्देश दिया जिसको लेकर आजमगढ़ विकास प्राधिकरण व प्रशासन कार्रवाई कर रही है। वहीं नदी किनारे के रहने वाले लोगों ने लामबंदी शुरु कर दी है। इसको लेकर आज दिन में कलेक्ट्रेट के पास एक वृहद धरना प्रदर्शन का आयोजन किया गया और गरीबों को उजाड़ने का आरोप लगाया गया। वहीं मामले में डीएम व कमिश्नर NGT के निर्देश को लेकर कोई भी बयान देने को लेकर कैमरे के सामने आने से मना कर दिए। बता दें कि एक दिन पूर्व ही कमिश्नर ने लापरवाही व शमन शुल्क में हेराफेरी को लेकर एडीए के सचिव, एई व जेई के निलंबन की संस्तुति शासन से कर दी है। आजमगढ़ में NGT की कार्रवाई के विरोध में प्रदर्शन करने वालों का अपना तर्क है। उनके अनुसार शहर के 17 मुहल्ले के सैकड़ों परिवार जो कई वर्ष पहले के बने पुश्तैनी मकान में रह रहे हैं वो सड़क पर आ जायेंगे। आजमगढ़ शहर करीब साढ़े चार सौ वर्ष पुराना है और कई मकान तो डेढ़ सौ साल पहले के बने हैं। वहां के लोग कहा जायेंगे जबकि NGT का निर्देश करीब 10 वर्ष पूर्व ही आया है।
रिपोर्टर:-राकेश वर्मा आजमगढ़