बरेली। दिल्ली के निजामुद्दीन स्थित मरकज से संचालित होने वाली तब्लीगी जमात का विरोध अपने शहर से भी होता रहा है। बरेलवी मसलक के जिम्मेदार तब्लीगी जमात के मस्जिदों में ठहरने को गलत बताते हैं। अब निजामुद्दीन स्थित मरकज में भीड़ इकट्ठी होने और कोरोना संक्रमण फैलाने का मामला सामने आया तो यहां से भी सवाल खड़े किए गए। दरगाह आला हजरत के प्रमुख के छोटे भाई तसलीम रजा खां ने कहा कि तब्लीगी जमात के लोग पैसा कमाने में लगे हैैं। उन्हें मुल्क की फिक्र नहीं है। विरोध की वजह यह भी है कि जमात के लोग दारुल उलूम देवबंद के करीबी माने जाते थे। बरेली मेें जमात का केंद्र बांस मंडी की एक मस्जिद है। दरगाह आला हजरत से जुड़े बड़े लोग फिलहाल विवाद पर चुप हैं। लेकिन, दरगाह प्रमुख मौलाना सुब्हान रजा खां के छोटे भाई कारी तसलीम रजा खां का कहना है कि तब्लीगी जमात के लोग पैसा कमाने में लगे हैैं। उन्हें मुल्क की फिक्र नहीं है। इसी वजह से वहां लापरवाही बरती गई और लोगों की जिंदगी को खतरे में डाला गया। जबकि सभी जगह कहा जा रहा था कि एहतियात के लिए मस्जिदों में नमाज नहीं होगी। जुमा की नमाज तक मस्जिदों में बंद कर गई, ताकि कोरोना वायरस से चल रही जंग को जीता जा सका। इसके बावजूद वहां बड़ी संख्या में लोग इकट्ठे हुए।।
-बरेली से कपिल यादव