सहारनपुर- पूरी मानवता का इतिहास भावनाओं और बुद्धि के बीच संघर्ष का है। दुनिया में धर्म की अलग-अलग व्याख्याएं की गई हैं। लेकिन भारतीय धर्म की व्याख्या व्यापक है। कहा गया दूसरों का हित करना पुण्य है और दूसरों को पीड़ा पहुंचना पाप है। उन्होंने कहा कि आज ज्ञान का युग है। पहले तलवार के बल पर फैसले होते थे। भारत में तो पहले से ही ज्ञान और प्रज्ञा सवर्धन पर बल दिया गया है। भारतीय संस्कृति की विशेषता बताते राज्यपाल ने कहा कि यहां तो गाली देने वाला भी भक्त है। शंकराचार्य का उदाहरण देते हुए उन्होंने कहा कि चिदानंद रूपम शिवोहम शिवोहम
राज्यपाल ने डॉ दिनेश चंद्र सिंह की पुस्तक के बारे में बताया कि करुणा ही जीवन को आनंदमय बनाती है (एको रसः करुणाएव)। कर्म निर्णय पुस्तक में उस संवेदना का जिक्र है जो डीएम के रूप में उनके अंदर बाढ़ पीड़ितों के प्रति पैदा होती है।
वरिष्ठ आईएएस अधिकारी डॉ दिनेश चंद्र सिंह की पुस्तक कर्म निर्णय का विमोचन केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने किया। डॉ चंद्र इस समय सहारनपुर के जिलाधिकारी हैं। पुस्तक में बाढ़ आपदा के दौरान बतौर जिलाधिकारी उनके द्वारा किए गए राहत और बचाव कार्य में लिए गए निर्णयों का वर्णन है। कुशल प्रशासक के रूप में उन्होंने संवेदनशीलता और कर्मठता के साथ जनसेवा की। समाज और शासन में उसकी सराहना हुई। इसके अलावा सामान्य निर्वाचन के प्रबंधन में उन्होंने समर्पित होकर कार्य किया। भारत निर्वाचन आयोग ने उन्हें राष्ट्रीय पुरष्कार से नवाजा। लोकतांत्रिक व्यव स्था को मजबूत करने के लिए किए गए अदभुत और अनूठे कार्यों के लिए सभी वर्ग के लोगों ने सराहना की। पुस्तक में उन्होंने अपनी अनुभूतियों को व्यक्त किया है।
इससे पहले डॉ दिनेश चंद्र सिंह द्वारा लिखी गई पुस्तक काल निर्णय को लोगों ने बहुत सराहा था। यह पुस्तक करोना काल में उनके द्वारा किए गए कार्यों का दस्तावेज़ है।
कार्यक्रम में पद्मश्री डॉ भारत भूषण, अखाड़ा परिषद हरिद्वार आके अध्यक्ष रविन्द्रपुरी जी महाराज, डॉ एचएस सिंह, उपकुलपति शाकम्बरी देवी विश्वविद्यालय, सहारनपुर
मशहूर शायर नवाज़ देवबंदी, राज्यमंत्री बृजेश सिंह, सांसद अलीगढ़ सतीश गौतम,सांसद बहराइच अक्षयवर गौड़ सहित तमाम जन प्रतिनिधि, साहित्यकार, अधिकारी, समाजसेवी उपस्थित थे।
– सहारनपुर से सुनील चौधरी