जिसके लिए शब्दों की जरूरत न पड़े, चित्र ही खुद बोले, वही कला है-प्रो. राजेन्द्र प्रसार

हरियाणा/रोहतक- महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय (मदवि) दृश्य कला विभाग में संचालित रंग सृजन कार्यशाला में आज प्रतिष्ठित चित्रकारों ने विद्यार्थियों के साथ कला-विचार सांझा किए।
प्रतिष्ठित चित्रकार लखनऊ के प्रो. राजेन्द्र प्रसार, कुरूक्षेत्र के प्रो. राम विरंजन, प्रो. अनुपम भटनागर, लक्ष्यपाल अजमेर, जगत सिंह ढांडा ने विद्यार्थियों को चित्रकारी की बारीकियों के बारे में बताया।
उन्होंने विद्यार्थियों को चित्रकारी में पारंगत होने के लिए सृजनशील बनने की बात कही। उन्होंने कहा कि एक चित्रकार अपने चित्र के माध्यम से अपनी बात कहता है। चित्रकारी ऐसी हो, जिसके लिए शब्दों की जरूरत न पड़े, चित्र ही खुद बोले, वही कला है।
आज के कार्यक्रम में समाज सेवी सुभाष आहूजा ने बतौर विशिष्ट अतिथि शिरकत की। उन्होंने भारतीय कला की परंपराओं पर प्रकाश डालते हुए भीम बेटको, अंजता-एलोरो की चित्रकारी और उनके उद्देश्य बारे बताया।
इस अवसर पर विभागाध्यक्ष प्रो. मीनाक्षी हुड्डा व प्रो. भूप सिंह गुलिया ने भी चित्रकारी के गुर विद्यार्थियों के साथ सांझा किए। कार्यशाला में प्रतिष्ठित चित्रकारों ने चित्रकला को लेकर दृश्य व्याख्यान भी प्रस्तुत किया।

– रोहतक से हर्षित सैनी

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