बरेली। कोरोना संक्रमण फिर से अपने पैर तेजी से पसार रहा है। कोरोना संक्रमण की वजह से कई राज्यों में दोबारा लॉकडाउन लगाया गया है। ऐसे मे कोरोना संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए शारीरिक दूरी बनाए रखने की बात कही जा रही है, लेकिन जिला अस्पताल में ऐसा नहीं हो रहा है। सुबह से ही मरीजों की लाइन चिकित्सक से परामर्श लेने के लिए लग जाती है। इस दौरान मरीजों को सैनिटाइज तक नहीं किया जाता है और मरीजों से शारीरिक दूरी का पालन कराया जा रहा है। जिससे संक्रमण फैलने का खतरा बना रहता है। मरीज तो लापरवाही बरत ही रहे हैं, लेकिन इसको लेकर स्वास्थ्य विभाग भी संजीदा नहीं दिख रहा है। सोमवार को जिला अस्पताल में बड़ी लापरवाही दिखाई दी। जिला अस्पताल में काफी संख्या में लोग आते हैं। जिला अस्पताल में आने वाले लोगों को सैनिटाइज नहीं कराया जा रहा है और न ही शरीरिक दूरी का ही पालन कराया जा रहा है। मरीजों की आने वाली भीड़ में एक ही संक्रमित मरीज कई लोगों को संक्रमण फैला सकता है। इसके बाद भी जिला अस्पताल मे लापरवाही चरम पर है। यहां एक दूसरे से मिलकर खड़े मरीजों का इलाज डॉक्टर करते हैं। लैब में हालत बेहद खराब है। यहां एक दूसरे से मिलकर मरीज और तीमारदार लाइन में खड़े होते हैं। पर्ची काउंटर, दवा वितरण केंद्र, ओपीडी के बाहर का नजारा तो कुछ और ही रहता है। रोज सुबह दस बजे से दोपहर 12 के बजे के बीच ऐसा ही माहौल रहता है। कोरोना के बढ़ते वायरस को देखकर जिले में भी अलर्ट है। सर्विलांस से उन लोगों पर पैनी नजर रखी हुई जो दूसरे राज्यों से आ रहे हैं। जिले में लापरवाही से हालात बिगड़ सकती हैं। स्वास्थ्य विभाग भी जागरूक नहीं हो रहा है। जिला अस्पताल में तो मास्क लगाने और दो गज की दूरी का पालन लोग नहीं कर रहे हैं। ओपीडी के बाहर लंबी लाइन लगी रहती है। यहां लोगों के बीच में दो गज की दूरी तो दूर छह इंच की भी दूरी नहीं रहती है। मास्क भी लगाना मुनासिब नहीं समझ रहे हैं। यह नजारा एक या दो दिन का नहीं है। बल्कि हर रोज रहता है। पर्ची काउंटर, दवा वितरण, महिला अस्पताल, लैब हर जगह हालत बेहद खराब है। इसी तरह चलता रहा तो जिले में भी कोरोना फैल जाएगा। बस एक ही सवाल खड़ा होता है कि जिले में वायरस फैला तो जिला अस्पताल मे लापरवाही की जिम्मेदारी कौन लेगा।।
बरेली से कपिल यादव