रेणुकूट/ सोनभद्र- हिंडालको चिकित्सालय में भीषण रक्त की कमी से जिंदगी और मौत के बीच संघर्ष कर रही गर्भवती महिला की स्थानीय दो युवकों ने रक्तदान करके जान बचाई। नगर के एक निजी विद्यालय में प्यून किशोर की गर्भवती पत्नी संजीव देवी की सोमवार की सुबह अचानक तबीयत बिगड़ गई। उसे हिंडाल्को चिकित्सालय ले जाया गया। जहां डॉक्टरों ने महिला के शरीर में 3 ग्राम हीमोग्लोबिन होने की बात कही और तत्काल दो यूनिट रक्त की आवश्यकता बताई। परेशान किशोर ने जानकारी पाकर स्वैच्छिक रक्तदान के लिए प्रेरित करने वाली संस्था सोनभद्र ब्लड डोनर प्रमुख अरुण कुमार मिश्रा से संपर्क कर मदद मांगा। जिनके प्रयास से नगर के बसंत सिंह और शहबाज अहमद चिकित्सालय पहुंचकर महिला को रक्त दिया जिससे उसकी जान बच पाई। रक्तदाता बसंत सिंह रक्त देना मानवीय धर्म मानते हैं। कहा कि रक्त देने से किसी के प्राणों की रक्षा होती है तो इससे अच्छा कोई कार्य नहीं हो सकता। बसंत सिंह नियमित रक्तदान करते हैं। वहीं युवा शहबाज अहमद ने कहा कि रगों में दौड़ने वाला खून मजहब नहीं ढूंढता वह तो इंसानियत की पहचान करता है। सोनभद्र ब्लड डोनर के संस्थापक सदस्य राज वर्मा एवं मनोज सिंह ने बताया कि हमारे संस्था द्वारा अब तक 225 मरीजों को रक्त उपलब्ध कराया गया है। यह संस्था सोनभद्र सहित समीपवर्ती जिलों में रक्त उपलब्ध कराने के लिए प्रयत्नशील है।
रिपोर्ट-:सर्वेश सिंह रेणुकूट सोनभद्र