बरेली। मध्यांचल विद्युत वितरण निगम ने बरेली मंडल मे आउटसोर्सिंग नई कंपनी को एलओआई जारी करते हुए बरेली नगर-देहात मे 168 संविदाकर्मियों को निकाल दिया गया। एक फरवरी से नौकरी से हटाए जाने से आक्रोशित कर्मचारी मुख्य अभियंता कार्यालय पर मंगलवार से अनिश्चितकालीन धरने पर बैठ गए। बुधवार को धरने में बैठे एक लाइन कुली की अचानक तबीयत बिगड़ गई। साथी कर्मचारियों ने उसे तुरंत जिला अस्पताल में भर्ती कराया। विद्युत संविदा मजदूर संगठन के जिलाध्यक्ष जहीर खान ने बताया कि मध्यांचल डिस्कॉम ने कार्यदायी संस्था मैसर्स ऑल सर्विसेज ग्लोबल प्राइवेट लिमिटेड कार्यदाई संस्था को दो वर्ष का अनुबंध किया गया है। इसमें आवंटित निविदा कर्मियों की संख्या 20 प्रतिशत कम कर दी गई है। इसमें बरेली मंडल में हजारों की संख्या में विद्युत संविदा कर्मी बाहर हो जाएंगे। जिससे हजारों संविदा कर्मियों के परिवार भुखमरी की कगार पर खड़े होने की स्थिति मे हो जाएंगे। ऐसी परिस्थिति में एक संविदाकर्मी जिसने अपने जीवन के 10 से 15 साल पॉवर कारपोरेशन को दिए। जीवन के महत्वपूर्ण पड़ाव में उसे निकालकर बाहर कर दिया जाएगा। धरने पर बैठे किला उपकेंद्र में तैनात लाइन कुली डालचंद्र की बुधवार को अचानक तबीयत बिगड़ी तो कर्मचारियों ने उसे जिला अस्पताल में भर्ती कराया। बताया कि हटाए गए संविदाकर्मियों की वापसी न होने तक धरना-प्रदर्शन जारी रहेगा। वही दोपहर दो बजे सपा जिलाध्यक्ष शिवचरन कश्यप भी धरना स्थल पर पहुंचे। उन्होंने कहा कि अगर निष्कासित कर्मचारियों की नहीं सुनी गई तो वह भी उनके साथ धरने पर बैठेंगे। कर्मचारियों की लड़ाई लखनऊ तक लड़ेंगे। उन्होंने गौसगंज में मुस्लिम समाज के उत्पीड़न का भी आरोप लगाया। मुख्य अभियंता रणविजय सिंह ने कहा कि कर्मचारियों की संविदा मुख्यालय स्तर से समाप्त की गई है। स्थानीय अधिकारियों की भूमिका नहीं है। कर्मचारियों की ओर से मिले ज्ञापन को मुख्यालय भेज दिया गया है। वहां से निर्देश मिलने का इंतजार किया जा रहा है।।
बरेली से कपिल यादव