चुनाव जीतने के बाद अखिलेश ने यहां के लोगों के साथ जो व्यवहार किया उसकी है जोरदार चर्चा

आजमगढ़- आखिरकार आजमगढ़ से निर्वाचित सांसद अखिलेश यादव भी अपने पिता के रास्ते पर चलते दिख रहे हैं। चुनाव जीतने के बाद अखिलेश ने यहां के लोगों के साथ जो व्यवहार किया उसकी जोरदार चर्चा है। सोशल मीडिया से लेकर चट्टी चौराहे पर लोग उनके रवैये से नाराजगी जता रहे है। यही वजह है कि देर शाम स्थित को संभालने के लिए एक बार फिर सहमें हुए सपा के स्थानीय नेताओं को 2014 की तरह सामने आना पड़ा है।
बता दें कि वर्ष 2014 के लोकसभा चुनाव में पूरे देश में मोदी लहर थी। बीजेपी ने उस चुनाव में विपक्ष का लगभग सूपड़ा साफ कर दिया था। मायावती को यूपी में एक भी सीट नहीं मिली थी तो कांग्रेस दो सीट पर सिमट गयी थी। उस समय सपा के बड़े नेता भी अपने कुबने के बाहर किसी नेता को जीत नहीं दिला पाए थे। उस समय पूर्वांचल में आजमगढ़ के लोगों ने सपा का सूपड़ा साफ होने से बचा लिया था। मुलायम सिंह 63 हजार से ही सही लेकिन चुनाव जीतने में सफल रहे थे लेकिन मुलायम सिंह जीतने के बाद आजमगढ़ के लोगों का धन्यवाद भी ज्ञापित नहीं किया था उलटे यहाँ के स्थानीय नेताओं द्वारा खुद को फ़साने की बात कर दी थी और अपनी जीत का श्रेय अपने परिवार को दिया था । उस समय भी स्थानीय नेताओं को ही जीत पर धन्यवाद ज्ञापित करना पड़ा था। मुलायम सिंह अपने पांच साल के कार्यकाल में सिर्फ दो बार आजमगढ़ आए वह भी सरकारी काम से। वे बतौर सांसद एक बार भी यहां के लोगों से रूबरू नहीं हुए। यही वजह थी कि यहां के लोगों को सांसद के लापता होने का पोस्टर लगाना पड़ा था। यहीं नहीं मुलायम सिंह को खोजने के लिए भाजपाइयों ने लालटेन जुलूस निकालकर भी प्रदर्शन किया था। इसके बाद भी मुलायम सिंह कभी आजमगढ़ नहीं बस उनका संदेशा आया कि वे आजमगढ़ से चुनाव नहीं लड़ेगे। चार साल तक तो यहां उनका वास्तविक प्रतिनिधि तक नहीं था। अब 2019 के लोकसभा चुनाव में उनके पुत्र पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव आजमगढ़ से चुनाव लड़े। इस बार भी बीजेपी ने गठबंधन को यूपी में बुरी तरह मात दी। अखिलेश के दो चचेरे भाई धर्मेंद यादव, अक्षय यादव और पत्नी डिंपल यादव तक चुनाव हार गयी लेकिन आजमगढ़ के लोगों ने अखिलेश को ढ़ाई लाख से अधिक मतों से विजयी बनाया। जिले की दूसरी सीट लालगंज भी गठबंधन के खाते में डाल दी लेकिन चुनाव जीतने के बाद अखिलेश यादव भी यहां के लोगों को धन्यवाद तक देना जरूरी नहीं समझे। जबकि परिणाम आये 24 घंटे से अधिक का समय बीत चुका है। सोशल मीडिया से लेकर चट्टी चौराहे तक इसकी खूब चर्चा है। इस बार भी जनता का धन्यवाद ज्ञापित करने के लिए जिलाध्यक्ष हवलदार यादव को सामने आना पड़ा है। ऐसे में चर्चा इस बात की है कि क्या अखिलेश भी मुलायम सिंह की तरह यहां के लोगों की अनदेखी करेंगे। इस मामले में बीजेपी के पूर्व महामंत्री ब्रजेश यादव का कहना है कि यहां के लोग विकास के बजाय जातिवाद को चुने हैं जिसका खामियाजा लोगों को भुगतना होगा। जिस तरह मुलायम सिंह को लालटेन लेकर खोजना पड़ा था उसी तरह मुलायम सिंह को भी लोग ढूढ़ेगे।

रिपोर्ट:-राकेश वर्मा आजमगढ़

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *