ग्रामीण बैंक कर्मी तीन दिनों की हड़ताल पर

कोंच। ग्रामीण बैंकों में हड़ताल के कारण ग्राहकों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है, अपनी मांगों को लेकर ग्रामीण बैंक के कर्मचारी तीन दिवसीय हड़ताल पर चले गये हैं। यूनाइटेड फोरम ऑफ आरआरबी यूनियन्स के आह्वान पर कर्मचारियों ने हड़ताल पर जाने का फैसला लिया है। आंदोलन रत कर्मचारियों ने हाथों में कटोरा थाम अपना हक मांगा। कर्मचारियों का कहना है कि वह अपना हक मांग रहे हैं, भीख नहीं। स्थानीय बैंक शाखा में हड़ताल पर बैठे दिलीप शर्मा ने बताया कि यह हड़ताल सात सूत्रीय मांगों को लेकर है और सभी मांगें जायज हैं। प्रायोजक बैंकों के अनुरूप बैंकिंग पेंशन व पीएफ समानता ग्रामीण बैंकों में भी लागू की जाये। ग्रामीण बैंकों के निजीकरण व पब्लिक इश्यू के प्रस्ताव बापिस हों, अनुकंपा नियुक्तियों की सुविधा बर्ष 2014 से लागू की जाये, बैंकिंग उद्योग के अनुरूप ग्रामीण बैंकों में भी कंप्यूटर इंक्रीमेंट सुविधा प्रदान की जाये, दैनिक वेतन भोगी कर्मियों का नियमितीकरण किया जाये, प्रायोजक बैंकों के साथ ही ग्रामीण बैंकों को भी आईबीए के साथ वार्ता मंच में शामिल किया जाये तथा प्रायोजक बैंकों की भांति संपूर्ण सेवा शर्तें व अन्य भत्ते समान रूप से लागू हों। इस दौरान राजकुमार हिंगवासिया, नरेन्द्र पटेल, सतीश शर्मा, मुनीश शुक्ला, लल्लूराम वर्मा, कौशल गुप्ता, ब्रजकिशोर रायकवार आदि मौजूद रहे।

अभिषेक कुशबाहा के साथ रामनरेश राठौर कोंच जनपद जालौन

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