बरेली। शनिवार को कलक्ट्रेट सभागार में जिलाधिकारी शिवाकांत द्विवेदी ने पोषण समिति की मीटिंग की। उन्होंने बैठक से नदारद अधिकारियों का वेतन रोकने के निर्देश डीडीओ को दिए हैं। जिलाधिकारी ने कहा कि अधिकारी अपने गोद लिए गांव में हर महीने निरीक्षण करने जरूर जाएं। जनपद मे अति कुपोषित बच्चे 5995 है जबकि कुपोषित बच्चों की संख्या 37 हजार 638 है। सतत प्रयास से जिले मे कुपोषित बच्चों की संख्या मे कमी आ रही है। कुपोषण का कलंक मिटाने की इस मुहिम को जिलाधिकारी और भी गति देने मे लगे है। इसके लिए उन अधिकारियों को आड़े हाथों लिया जो कुपोषित बच्चों वाले गांव को गोद लेकर अपनी जिम्मेदारी भूल गए है। आंगनबाड़ी सेंटर का निरीक्षण न करने वाले इन अधिकारियों को जिलाधिकारी ने नसीहत भी दी है। हर महीने कम से कम एक बार आंगनबाड़ी सेंटर का निरीक्षण कर रिपोर्ट देने को कहा। एनआरसी मे एक भी कुपोषित बच्चा भर्ती न करने पर मंझवा की बाल विकास परियोजना अधिकारी का वेतन रोक रोक दिया। बाल विकास परियोजना अधिकारियों अपने क्षेत्र से हर महीने कम से कम 2-2 कुपोषित बच्चे एनआरसी भर्ती कराने के निर्देश दिए। क्यारा की बाल विकास परियोजना अधिकारी से एनआरसी में बच्चा भर्ती न कराने पर स्पष्टीकरण मांगा गया है। जिलाधिकारी ने आरबीएस की टीम ने तीन महीने में कितने बच्चों को रेफर कराया इसकी रिपोर्ट तलब की है। बाल विकास परियोजना अधिकारियों से कुपोषित और सामान्य बच्चों की रिपोर्ट मांगी है।।
बरेली से कपिल यादव