क्या यही है भारत सरकार का स्वच्छता अभियान:गंदगी से पंचायत भवन भी बीमार

•मुंडेट गांव के प्राथमिक विद्यालय में बच्चे बदबूदार गंदगी के बीच पढ़ने को मजबूर

मंगलौर- सूत्रों के मुताबिक नारसन ब्लॉक क्षेत्र के ग्राम मुंडेट में ढाई बीघा जमीन की बदौलत गांव के त्यागी समाज को दूसरी बार प्रधानी मिली है, जबकि इससे पूर्व प्रथम ग्राम प्रधान के पद पर त्यागी समाज के व्यक्ति ने प्रधानी की थी वरना मुंडेट में प्रधानी पद पर दलित समाज के लोगो का ही कब्जा रहा है। ढाई बीघा जमीन की बदौलत इस बार त्यागी समाज की महिला मोनिका त्यागी पत्नी सिद्धार्थ त्यागी को गांव का प्रधान पद नसीब हुआ है, लेकिन अब गांव का दलित समाज इसे घाटे का सौदा मान रहा है, क्योंकि ग्राम प्रधान परिवार द्वारा प्रधानी पद की एवज में दान की गई ढाई बीघा जमीन अभी तक रास्ते के अभाव में दलित समाज के किसी काम नही आ सकी है। हालांकि इस ढाई बीघा जमीन पर झबरेड़ा के पूर्व विधायक हरिदास की निधि से 35 लाख रुपए की धनराशि से एक भव्य बारात घर बना हुआ है, जो अभी तक सफेद हाथी ही बना हुआ है। ढाई वर्ष पूर्व बने इस बारातघर में आज तक एक भी बारात प्रस्थान नही कर पाई है, जबकि इस बारातघर के सामने भाजपा के राज्यसभा सांसद तरूण विजय की निधि से एक हैंडपंप भी लगा है, जिसे मोके पर उगी घास ने अपनी चपेट में ले रखा है। पंचायत भवन और प्राथमिक विद्यालय के हालात तो बारातघर से भी बदतर हैं। यहां बच्चे बदबूदार गंदगी के बीच न केवल पढ़ने को मजबूर हैं बल्कि मिड-डे-मील का भोजन भी बच्चो को इसी गंदगी के बीच ही बनाया और परोसा जाता है। वहीं पंचायत घर भी गंदगी से बीमार है, जिसके चलते यहाँ ग्रामीणों का आना न के बराबर ही होता है। ग्राम प्रधान और पंचायत सचिव मिलकर सफाई के पैसे को किस तरह ठिकाने लगाया जा रहा है। नारसन ब्लॉक की मुंडेट ग्राम सभा इसका प्रत्यक्ष उदाहरण हैं

नोट- हकीकत बयां करने के लिए ग्रुप पर पोस्ट मौके की फ़ोटो पर्याप्त साक्ष्य है।
-हरिद्वार से तसलीम अहमद

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