कोरोना से अनाथ हुए बच्चों की परवरिश के लिए टास्क फोर्स रखेगी ख्याल

बरेली। कोविड-19 संक्रमण के चलते काफी संख्या में हुई मौतो के चलते बच्चों के प्रति जोखिम बढ़ गया है। विशेष रूप से ऐसे बच्चे जिनके माता-पिता इस महामारी की भेंट चढ़ गए हैं। ऐसे में कई आपराधिक प्रवृत्ति के लोग इंटरनेट मीडिया पर बच्चों को अवैध रूप से गोद देने की पेशकश कर रहे हैं। ऐसे निराश्रित हुए बच्चों के संरक्षण के लिए जनपद स्तर पर गठित टास्क फोर्स का सीडीओ की अध्यक्षता मे वेविनार आयोजित कर बैठक की गई। उपनिदेशक महिला कल्याण नीता अहिरवार ने बताया गया कि जनपद में महामारी के दौरान परित्यक, अनाथ एवं अपने परिवार से बिछड़े या किसी भी प्रकार से परिवार विहीन अथवा देख-रेख व संरक्षण की स्थिति मे आने वाले वच्चों बच्चों की पहचान कर उनको सुरक्षा व संरक्षण प्रदान किया जाएगा। जिसमे पूर्व में गठित निगरानी समिति के माध्यम से महामारी के दौरान कोरोना में निराश्रित हुए बच्चों की पहचान कर सुरक्षा व संरक्षण प्रदान किया जाएगा। इसके लिए नोडल अधिकारी नामित करने पर चर्चा की गयी। किशोर न्याय अधिनियम-2015 के अन्तर्गत www.cara.nic.in के माध्यम से विधिक रूप से गोद लिया जाना चाहिए। सीडीओ चंद्र मोहन गर्ग ने बताया कि कोविड 19 महामारी के दौरान परित्यक्त, अनाथ, परिवार विहीन अथवा देखरेख या संरक्षण की स्थिति में आने वाले बच्चों के बारे में विभिन्न मीडिया स्रोतों के समाचार व संदेशों का स्वत: संज्ञान लेते उस पर आवश्यक कार्यवाही करेगी। इसके लिए सोमवार को सीडीओ ने वर्चुअल संवाद किया। महिला कल्याण विभाग के समस्त कार्मिकों एवं समस्त इकाईयों, संस्थाओ (राजकीय/स्वैच्छिक), चाइल्ड लाइन के कर्मचारियों जिनका वैक्सीनेशन अभी नहीं हुआ है। उन समस्त कर्मचारियों हेतु कैम्प लगाकर वैक्सीनेशन किये जाने पर चर्चा की गयी। बैठक में जिला पंचायत राज अधिकारी, जिला कार्यक्रम अधिकारी, सदस्य बाल कल्याण समिति, निरीक्षक एसजेपीयू एवं एएचटीयू, संरक्षण अधिकारी, जिला बाल संरक्षण इकाई, टेक्निकल रिसोर्स पर्सन यूनीसेफ, प्रभारी वन स्टॉप सेंटर, जिला बाल संरक्षण इकाई बरेली के स्टाफ ने प्रतिभाग किया।।

बरेली से कपिल यादव

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