बरेली। स्कूल वालों की मनमानी इस महामारी मे भी रुकने का नाम नही ले रही है। आपको बता दे कि इस महामारी के दौर मे भी स्कूल वाले ऑनलाइन टेस्ट कराने जा रहे है। जिसके बाद अभिभावको मे सबसे ज्यादा गुस्सा है। इस बात को लेकर हर रोज अभिभावकों और स्कूल वालों के बीच फोन पर जमकर कहासुनी भी हो रही है। बात यही तक रहती तो ज्यादा ठीक रहता लेकिन स्कूल वालों ने ऑनलाइन टेस्ट के साथ साथ ये भी नियम तय कर दिया कि बच्चों को टेस्ट गूगल मीट एप्प पर देना होगा। ऑनलाइन प्रश्नपत्र मिलेगा और ऑनलाइन ही इसे हल करने के बाद अपलोड करना होगा। इसके लिए अनिवार्यता भी तय कर दी है। शासन ने ऑनलाइन क्लास को कुछ दिनों के लिए स्थगित कर दिया है। बेसिक और माध्यमिक शिक्षा परिषद की ओर से ऑनलाइन क्लास को रोकने के आदेश हो चुके है। शहर के कई नामचीन स्कूलों ने शासन के आदेश का पालन करते हुए ऑनलाइन क्लास को कुछ समय के लिए स्थगित कर दिया गया है। क्योंकि इस समय अभिभावक और शिक्षक सबसे ज्यादा परेशान चल रहे है। बीते दिनों स्कूल एसोसिएशन के पदाधिकारियो ने कहा था कि ऑनलाइन क्लास को लेकर अभिभावकों से सहमति ली गई तो अधिकांश अभिभावको ने ऑनलाइन पढ़ाई कराने के पक्ष में इच्छा जताई। इसी बात का बहाना बनाकर स्कूल वालों ने ऑनलाइन क्लास जारी कर रखी है। जबकि शहर के कई बड़े नामी स्कूलों ने ऑनलाइन पढ़ाई को बंद करा दिया है। लेकिन बचे स्कूल वाले शासन के निर्देशों को मानने को तैयार नहीं है। सेकेर्ट हार्ट्स स्कूल में 14 मई से मासिक परीक्षा शुरू होनी है। जिन अभिभावकों के घरों में परेशानी चल रही है, ऐसे अभिभावकों ने बाद में टेस्ट कराने की मांग की है। लेकिन स्कूल वाले मानने को तैयार नहीं है। शिक्षको ने फोन पर कहा कि ये टेस्ट देना अनिवार्य है क्योंकि इसके अंक बाद में परीक्षा में शामिल किए जाएंगे। जिसके बाद अभिभावक और टेंशन में आ गए है। अब अभिभावक इस बात से परेशान हैं कि पहले अपनी परेशानी को हल करे या टेस्ट के प्रश्न पत्रों को हल कराएं। डीआईओएस डा. अमरकांत सिंह ने बताया कि शासन के निर्देशों को मानना होगा। यदि ऐसा है तो स्कूलों को नोटिस भेजकर जबाव मांगा जाएगा। अभिभावक संघ के अध्यक्ष अंकुर सक्सेना ने बताया कि स्कूल वाले सिर्फ मनमानी कर लोगों की परेशानी बढ़ा रहे हैं। किसी के घर-परिवार में कोई बीमार है तो टेस्ट कैसे कराएगा। ऐसे माहौल में स्कूलों को कुछ मानवता दिखानी चाहिए।।
बरेली से कपिल यादव