बरेली। कोविड-19 की पहली लहर बुजुर्गो पर भारी पड़ी थी। पहली लहर मे कोरोना ने बुजुर्गो को अपनी गिरफ्त में लिया था। संक्रमित होने के साथ साथ सौ से ज्यादा बुजुर्ग काल के गाल मे समा गए थे। दूसरी लहर ने विकराल रूप धारण किया था। अप्रैल के अंत और मई के पहले सप्ताह मे कोरोना की रफ्तार ने श्मशान और कब्रिस्तान मे शवों के सुपुर्दे खाक और अन्त्येष्टि के लिए जगह कम पड गयी। मरीजों की अधिकता के चलते आक्सीजन तक की किल्लत हो गई थी। शासन और प्रशासन के द्वारा सार्थक किए गए बचाव कार्य के चलते काफी हद तक दूसरी लहर पर जीत हासिल कर ली गई है। मामले लगातार कम होते जा रहे है। सरकार को अब इसकी तीसरी लहर की आशंका भी सताने लगी है। बड़ा सवाल यह है कि कहीं तीसरी लहर दूसरी से ज्यादा खतरनाक तो नहीं होगी और उससे निपटने के लिए देश कितना तैयार होगा। वहीं एक बड़ी जनसंख्या को वैक्सीन लगाकर तीसरी लहर के प्रभाव को रोकने की संभावनाओं पर भी चर्चा शुरू हो गई है। तीसरी लहर बच्चों को संक्रमित होने की आशंका जताई जा रही है। जिससे बच्चों के अभिभावकों की चिंताएं बढने लगी है। ये लहर आयेगी या नहीं किसी को पता नहीं है। शासन के निर्देश पर प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग भी तैयारियों में जुट गया है। स्वास्थ्य विभाग की तरफ से कोविड 300 वेड अस्पताल में बच्चों के वेड भी सुरक्षित कर लिए गए है। वहीं निजी अस्पतालों को भी निदेशित किया जा चुका है। जानकारों की मानें तो अक्टूबर या नवम्बर में तीसरी लहर आने की संभावना है। इस लहर में बच्चों को गिरफ्त में लेने की आशंका के चलते अभिभावक अभी से परेशान है कि आखिरकार तीसरी लहर में हम अपने बच्चे को कैसे बचा पाएंगे। जिस कारण अभिभावक बच्चों को स्कूल बन्द होने के बाद से घर में पढ़ाई कराने के साथ साथ बार बार हाथ धोने की आदत डालने के साथ ही मास्क लगाने के लिए भी प्रेरित किया जा रहा है। दूसरी लहर से निपटने के बाद तीसरी लहर की आशंका के चलते डीएम ने सीएमओ को निर्देशित कर बच्चा वार्डो में संख्या बढ़ाने के साथ साथ 300 वेड कोविड अस्पताल में भी बच्चों के लिए वेड रूम तैयार करने के निर्देश दिए गए है। स्वास्थ्य विभाग ने शहर से लेकर सभी सीएचसी और पीएचसी में भी बच्चों के बेहतर इलाज के लिए तैयारियां सुनिश्चित करने के निर्देश दिए है। तीसरी लहर की आशंका के चलते शासन के निर्देश पर प्रशासन ने स्वास्थ्य विभाग के माध्यम से निजी कोविड अस्पतालों में भी बच्चा वार्ड की व्यवस्था कराने को कहा गया है। शासन से लेकर प्रशासन व स्वास्थ्य विभाग के अफसर बच्चों के स्वास्थ्य रिपोर्ट पर नजर बनाए हुए है।।
बरेली से कपिल यादव