बरेली। रिछा स्थित केके पैडी प्रोडक्ट राइस मिल पर सरकार का 349.57 क्विंटल चावल बकाया है। जिसे 19 साल बाद भी जमा नही किया गया। कई बार नोटिस भेजने के बावजूद भुगतान न करने पर यूपी स्टेट एग्रो के क्षेत्रीय प्रबंधक ने अब राइस मिल के खिलाफ आरसी (रिकवरी सर्टिफिकेट) जारी कर दी है। साथ ही डीएम को पत्र लिखकर वसूली प्रक्रिया तेज करने का अनुरोध किया गया है। यह मामला वित्तीय वर्ष 2004-05 का है। केके पैडी प्रोडक्ट को सीएमआर (कस्टम मिलिंग ऑफ राइस) योजना के तहत सरकार को 349.57 क्विंटल चावल जमा करना था, जिसकी कीमत उस समय 3,60,057 रुपये थी। लेकिन मिल संचालक ने चावल जमा नहीं किया, न ही उसका भुगतान किया। 19 साल में 9.10% वार्षिक ब्याज जुड़ने से यह राशि 10,31,743 रुपये तक पहुंच गई है। वही यूपी स्टेट एग्रो के मुख्य महाप्रबंधक (विपणन) ने 19 जुलाई 2018 को भी आरसी जारी की थी, लेकिन राजस्व विभाग में यह मामला ठंडे बस्ते में चला गया। अधिकारियों की निष्क्रियता के चलते वसूली नहीं हो पाई। अब 18 जनवरी को लखनऊ में खाद्य एवं रसद विभाग की बैठक में इस बकाया भुगतान का मुद्दा दोबारा उठा, जिसके बाद फिर से रिकवरी प्रक्रिया शुरू की गई। बरेली के अलावा, पीलीभीत और शाहजहांपुर की चार अन्य राइस मिलों पर भी सीएमआर चावल के 2.27 करोड़ रुपये बकाया हैं। इनमें हमदर्द राइस मिल, डीपी इंडस्ट्रीज, कन्हैया इंटरप्राइजेज और तिरुपति इंडस्ट्रीज शामिल हैं। इन राइस मिलों के खिलाफ आरसी जारी हो चुकी है, लेकिन अब तक भुगतान नहीं हुआ। 26 दिसंबर को कमिश्नर सौम्या अग्रवाल ने कर-करत्तर राजस्व वसूली बैठक में कड़ी कार्रवाई के निर्देश दिए थे, लेकिन अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया। विभाग के वित्त नियंत्रक ने राइस मिलों को रिमाइंडर जारी किया है और संशोधित आरसी देने के निर्देश दिए हैं। यूपी स्टेट एग्रो के क्षेत्रीय प्रबंधक ने डीएम को पत्र लिखकर अनुरोध किया है कि इस बकाया राशि को राजस्व की तरह वसूल कर यूपी स्टेट एग्रो इंडस्ट्रियल कॉर्पोरेशन लिमिटेड के खाते में जमा कराया जाए।।
बरेली से कपिल यादव