कार्यशाला में किसानों को दी गई विभिन्न लाभप्रद योजनाओं की जानकारी

ज्ञानपुर(भदोही) किसान कल्याण कार्यशाला का आयोजन बुधवार को ज्ञानपुर नगर के श्यामा प्रसाद मुखर्जी(दंत्तोपत्ति सभागार) में आयोजित किया गया जिसमें किसानों को विभिन्न प्रकार की समस्याओं से निदान और लाभप्रद योजनाओं से संबंधित जानकारियों से अवगत कराया गया। इस मौके पर किसानों को लाभान्वित करने के साथ ही सरकार द्वारा चलाई जा रही योजनाओं के प्रति जागरुक किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए भाजपा जिलाध्यक्ष हौसिला प्रसाद पाठक ने कहा की किसान हमारे देश की नींव है। राज्य सरकार सभी किसानों को लाभान्वित करने के लिए कृतसंकल्पित है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार द्वारा किसानों के सम्मान के लिए कई तरह की योजनाएं प्रारंभ की गई हैं। कहा की किसानों द्वारा फसलों के अवशेषों का उचित प्रबंध करने पर कोई ध्यान नहीं दिया जाता है या कहिये कि इसका उपयोग मृदा में जीवांश पदार्थ अथवा नाइट्रोजन की मात्रा बढ़ाने के लिए नहीं किया जाता है बल्कि इनका अधिकतर भाग या तो दूसरे घरेलू उपयोग में किया जाता है या फिर उन्हें नष्ट कर दिया जाता है। बताया कि पिछले कुछ वर्षों में एक समस्या मुख्य रूप से देखी जा रही है कि जहां हार्वेस्टर के द्वारा फसलों की कटाई की जाती है ,उन क्षेत्रों में खेतों में फसल के तने के अधिकतर भाग खेत में खड़े रह जाते हैं ।तथा वहां के किसान खेत में फसल के अवशेषों को आग लगाकर जला देते हैं। बताया गया कि खेतों में फसलों को जलाने के अलावा यदि सही ढंग से इसका खेती में उपयोग करें तो हम पोषक तत्वों के एक बहुत बड़े अंश की पूर्ति इन अवशेषों के माध्यम से पूरा कर सकते हैं ।बताया कि एकीकृत पोषक तत्व प्रबंधन के घटक के रूप में फसल अवशेष के उपयोग के फलस्वरुप मृदा में कार्बनिक पदार्थ की बढ़ोतरी से मृदा जीवाणुओं की क्रियाशीलता बढ़ती है जिससे उत्पादन बढ़ता है। वातावरण की विपरीत परिस्थितियों से बचाने में सहायक होता है । जबकी फसल अवशेष भूमि में नत्रजन एवं अन्य पोषक तत्वों की मात्रा बढ़ाने में सहायक है । फसल अवशेष कंपोस्ट खाद बनाने में सहायक है जो कि मृदा की भौतिक रासायनिक एवं जैविक क्रियाओं में लाभदायक है। पादप अवशेष मल्च के रूप में प्रयोग करने से मृदा जल संरक्षण के साथ-साथ फसलों को खरपतवारों से बचाने में भी सहायक है। मृदा के जीवांश में हो रहे लगातार ह्मास को कम करने में योगदान करता है एवं जलधारण क्षमता एवं मृदा वायु संचार में बढ़ोतरी होती है और यदि इन अवशेषों को जला दिया जाए तो इसका विपरीत प्रभाव पड़ता है उन्होंने किसानों से अनुरोध करते हुए कहा कि किसी भी फसल के अवशेष को जलाये नही बल्कि मृदा में कार्बनिक पदार्थों की वृद्धि हेतु पादप अवशेषों को मजा में मिलावे। इस अवसर पर किसानों से संबंधित अनेक स्टाल भी विभिन्न विभागों द्वारा लगाकर जागरुक किया गया। कार्यक्रम में जिला कृषि अधिकारी अशोक कुमार, कृषि विकास अधिकारी कमला यादव, प्राविधिक सहायक कौशल कुमार सिंह, अरविंद कुमार, शशांक पटेल,सत्यप्रकाश सिंह, शिव कुमार सिंह, शिवशंकर, बलवंत, रोहित,दीपक कुमार सिंह सहित काफी संख्या में किसान मौजूद रहे।
पत्रकार आफ़ताब अंसारी

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *