मुजफ्फरनगर- मुजफ्फरनगर के शाहपुर कस्बे में जन्मे अहसान भारती घुंघरू वाले का दिल्ली में निधन हो गया। कस्बे से उनका परिवार पहले मेरठ और इसके बाद दिल्ली में रह रहा है।
बताया गया कि वे पिछले काफी समय से वह बीमार चल रह रहे थे। उन्होंने अपनी कव्वाली के माध्यम से देश में ही नहीं विदेशों में भी कस्बे का नाम रोशन किया है। उन्होंने देश के अलावा बहरीन, दुबई, दक्षिण अफ्रीका, पाकिस्तान आदि देशों में कव्वाली के साथ मुंह से घुंघरू की आवाज सुनाई तो सुनने वाले हतप्रभ रह गए। वह सभी धर्मों का बेहद सम्मान करते थे। वह सभी धर्मों का आदर करते हुए अपने कव्वाली के माध्यम से सभी को जोड़ने का प्रयास करते थे। उनकी कव्वाली ए-राम-रहीम के मतवालों, भाषा के लिए क्यों लड़ते हो, अल्लाह भी हिंदी जाने हैं भगवान भी उर्दू जाने हैं, काफी लोकप्रिय हुई। गले से 84 तरीके के घुंघरू बजाकर गिनीज बुक में नाम दर्ज कराया था।
कव्वाली के माध्यम से देश विदेश में मुज़फ्फरनगर का नाम रोशन करने वाले कव्वाल अहसान भारती का निधन
