कर्म भक्ति और ज्ञान की त्रिवेणी है गीता

बरेली- फतेहगंज पश्चिमी कस्बे के सरस्वती शिशु मन्दिर में समारोह पुर्बक मनायी गई गीता जयन्ती मुख्य बक्ता मेडिसिन डॉ श्री धनाकर राजश्री मेडिकल कालेज के रहे ।

गीता जयंती समारोह का शुभारम्भ दीप प्रज्वलित कर किया गया। उन्होंने बच्चों से गीता की जानकारी दी कहा कि गीता जीवन का सार है और निस्वार्थ भाव से जन सेवा करने का संदेश देती है। उन्होंने कहा कि हम सभी छोटे बच्चों और बड़े लोगों को भी कर्म के फल की अपेक्षा किए बिना गीता के निस्वार्थ भाव से कर्म करने के सिद्घांत पर चलते हुए कार्य करना चाहिए और गीता केे संदेश से प्रेरणा लेनी चाहिए, यही देश हित में है। उन्होंने कहा कि शिक्षा में संस्कारों का होना जरूरी है, केवल पढ़-लिखकर प्रमाणपत्र लेना ही पर्याप्त नहीं है,संस्कार बहुत जरूरी हैं।
उन्होंने बताया कि कर्म भक्ति और ज्ञान तीनों त्रिवेणी है गीता।कर्मण्येवाधिकारस्ते मा फलेषु कदाचन ।अर्थात मनुष्य को हमेशा अपना कर्म करते रहना चाहिए फल की इच्छा नहीं करनी चाहिए। इस अवसर पर अर्पित शर्मा, करिश्मा राठौर, शिवानी शर्मा, खुशबू सिंह, स्वाति सिंह ,बैजन्ती स्कूल के बच्चे और अभिभावक उपस्थित रहे। विद्यालय के प्रधानाचार्य दयाशंकर शर्मा ने मुख्य बक्ता का आभार व्यक्त करते हुए कार्यक्रम का समापन किया।
– बरेली से सौरभ पाठक की रिपोर्ट

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