बरेली। इंडियन वुड प्रोडक्ट कंपनी लिमिटेड (कत्था फैक्ट्री) के टैक्स भुगतान मे भारी गड़बड़ी की गई। जीआईएस सर्वे में पता लगा कि फैक्ट्री पर 3.55 करोड़ रुपये का गृहकर बकाया है जबकि नगर निगम मे केवल 5 लाख रुपये प्रति वर्ष टैक्स जमा किया जा रहा था। मेयर डॉ. उमेश गौतम ने मामले की गंभीरता को देखते हुए नगर निगम के मुख्य कर निर्धारण अधिकारी से जांच रिपोर्ट (आख्या) मांगी है। टैक्स विभाग मे कर अधीक्षक और निरीक्षकों के बीच साठगांठ की बात सामने आई है। जिससे नगर निगम के राजस्व को करोड़ों का नुकसान हुआ है। यह मामला मेयर डॉ. उमेश गौतम के पास पहुंचने के बाद हड़कंप मच गया। जीआईएस सर्वे में फैक्ट्री पर 3.55 करोड़ रुपये का हाउस टैक्स निकलने के बाद टैक्स विभाग की इस गड़बड़ी की पोल खुली है। नगर निगम के टैक्स विभाग में इस तरह की गड़बड़ी का यह पहला मामला नही है। इससे पहले भी कई व्यावसायिक भवनों को आवासीय दिखाकर टैक्स में हेरफेर किए जाने क थी और संबंधित अधिकारियों से पूछताछ के बाद ही वे कुछ कह सकेंगे। मेयर डॉ. उमेश गौतम ने कहा टैक्स विभाग पहले से ही गृहकर की रिकवरी में गड़बड़ी कर रहा है। अब बिलों को कम कराने के लिए साठगांठ हो रही है। जीआईएस सर्वे में फैक्ट्री पर 3.55 करोड़ रुपये का टैक्स बनता है लेकिन केवल 5 लाख रुपये वसूले जा रहे हैं। मामले की पूरी जांच कराई जा रही है।।
बरेली से कपिल यादव