मुज़फ्फरनगर- कच्ची छत गिरने से एक बच्ची की मौके पर ही दर्दनाक मौत हो गयी जबकि महिला सहित तीन अन्य घायल हो गए । एस डी एम सदर कुमार धर्मेन्द्र ने जिला अस्पताल पहुंचकर घायलों का हाल जाना वहीं मुख्यमन्त्री राहत कोष से मुआवजा दिलाए जाने की बात कही।
जानकारी के अनुसार आस पास रहने वाले लोगों ने कड़ी मशक्कत के बाद कच्ची छत के नीचे दबे सभी घायलों को निकालकर स्थानीय डॉक्टर को दिखाया जहां डॉक्टर ने एक 4 वर्षीय बच्ची को मृत घोषित करते हुए बाकि अन्य को जिला अस्पताल में ले जाए जाने की बात कही ।जिस पर मौहल्ला वासियों ने मृतक बच्ची के शव को वहीं रखते हुए बाकी घायलों को अस्पताल भेज दिया।
दरअसल मामला थाना शहर कोतवाली क्षेत्र के दक्षिणी खालापार के बर्फ खाने के पास का है जहां मूल निवासी ग्राम जौली थाना भोपा हाल पता दक्षिणी खालापार का गरीब युवक वसीम पुत्र साबिर अपने बीवी बच्चों के साथ अपने रिश्तेदार के यहां किराए के मकान में ऊपरी हिस्से में कच्ची छत डालकर रह रहा था ।आज हुई तेज बारिश के चलते वसीम के कमरे की कच्ची छत अचानक ढह गई और उसके नीचे वसीम सहित उसकी पत्नी साजिदा , व उसकी दो पुत्रियां दब गई ।अचानक मकान की छत ढह जाने से मौहल्ले में चीख पुकार मच गई और आस पास के सभी लोग वसीम के मकान की और दौड़ पड़े जहां मौहल्ला वासियों ने पुलिस को सूचना देते हुए कड़ी मशक्कत के बाद सभी को बाहर निकालकर स्थानीय डॉक्टर को दिखाया ।
जिस पर स्थानीय डॉक्टर ने वसीम की पुत्री उमरा 4 वर्ष को मृत घोषित करते हुए उसकी दूसरी पुत्री सोफिया उम्र 7 वर्ष , एंव साजिदा पत्नी वसीम व वसीम पुत्र साबिर को घायलता के चलते जिला अस्पताल ले जाए जाने की सलाह दी ।जिस पर स्थानीय मौहल्ला वासियों द्वारा सभी घायलों को इलाज के लिए जिला अस्पताल भेजा जहां जिला अस्पताल के डॉक्टरों एंव कर्मचारियों की बड़ी लापरवाही सामने आई ।जिस वक्त लोग घायलों को लेकर जिला अस्पताल पहुंचे उस वक्त जिला अस्पताल का कोई भी डॉक्टर और कर्मचारी स्टेचर लेकर बाहर नही निकला तब घायलों के परिजनों ने खुद ही मशक्कत करते हुए जहां रिक्शा अंदर तक ही ले गए वहीं घायलों को अपने हाथो में उठाकर जिला अस्पताल के आपातकाल कक्ष में ले जाना पड़ा तब कहीं जाकर जिला अस्पताल के डॉक्टरों एंव कर्मचारियों की नींद टूटी।
बता दें इस जनपद में वक्त कांवड यात्रा अपने चरम पर है वहीं जिले के आलाधिकारियों ने सभी डॉक्टरों को सतर्क रहते हुए जिला अस्पताल के कई कमरे हर वक्त खुले रहने के दिशा निर्देश दे रखें है ।वहीं जिला अस्पताल के आपातकाल में तैनात हर डॉक्टरों को हर संसाधन से लेस रहने तक के भी निर्देश जारी है लेकिन यहां बड़ी लापरवाही देखने को मिल रही है ।
– मुजफ्फरनगर से भगत सिंह