Breaking News

ऑफिशियल सिक्रेट एक्ट के तहत स्वतंत्र पत्रकार गिरफ्तार: पुलिस बोली- गोपनीय रक्षा दस्तावेज मिले

*दिल्ली पुलिस के स्पेशल सेल ने गोपनीयता अधिनियम (OSA) के तहत रणनीतिक मामलों के विश्लेषक और लेखक को गिरफ्तार किया है. आरोप लगाया गया है कि स्वतंत्र पत्रकार के पास से रक्षा से संबंधित कई क्लासीफाइड पेपर्स मिले हैं

नई दिल्ली. दिल्ली पुलिस (Delhi Police) ने शुक्रवार को बताया कि उसने शासकीय गोपनीयता कानून (Official Secret Act) के तहत एक मामले के सिलसिले में एक स्वतंत्र पत्रकार को गिरफ्तार किया है, जिसके पास से रक्षा संबंधी गोपनीय दस्तावेज बरामद किए गए हैं. पीतमपुरा निवासी राजीव शर्मा (Rajeev Sharma) को दिल्ली पुलिस के विशेष प्रकोष्ठ ने गिरफ्तार किया.
पुलिस उपायुक्त (विशेष प्रकोष्ठ) संजीव कुमार यादव ने कहा, ‘उसके (राजीव) पास से रक्षा संबंधी कुछ गोपनीय दस्तावेज मिले हैं. इस मामले की जांच जारी है और आगे चलकर विस्तृत जानकारी साझा की जाएगी.’ पुलिस ने बताया कि राजीव को 14 सितंबर को गिरफ्तार किया गया और अगले दिन मजिस्ट्रेट के समक्ष पेश किया गया. उसे छह दिन के लिए पुलिस हिरासत में लिया गया है.

उसकी जमानत याचिका पटियाला हाउस अदालत में 22 सितंबर के लिए सूचीबद्ध है. यूनाइटेड न्यूज ऑफ इंडिया, द ट्रिब्यून और सकाल टाइम्स के साथ काम कर चुके शर्मा ने हाल ही में चीनी अखबार ग्लोबल टाइम्स के लिए पीस लिखा था.
बता दें शर्मा एक यूट्यूब चैनल चलाते हैं. अपनी गिरफ्तारी के दिन उन्होंने दो वीडियो अपलोड किए थे. उनमें से एक आठ मिनट का वीडियो है, जिसमें उन्होंने कहा है कि, ‘भारत और चीन के विदेश मंत्रियों के एक समझौते पर पहुंचने के बाद भी शांति का रास्ता बहुत मुश्किल भरा है. अभी भी इस बात की कोई गारंटी नहीं है कि मॉस्को में दो विदेश मंत्रियों के बीच हुई बातचीत के अनुसार सब कुछ खत्म हो जाएगा.


ग्लोबल टाइम्स के लिए लिखे लेख में क्या कहा था?
दूसरा वीडियो चार मिनट का है जिसमें उन्होंने मीडिया की स्थिति पर टिप्पणी की है. 7 सितंबर को, शर्मा ने ग्लोबल टाइम्स के लिए एक लेख लिखा. जिसमें उन्होंने कहा, ‘5 मई की रात से द्विपक्षीय संबंधों में लगातार गिरावट,  ने एक ही झटके में पिछले वर्षों के सभी राजनयिक लाभ को व्यावहारिक रूप से खत्म कर दिया. साल 1962 के बाद से दोनों पक्षों के बीच सामान्य संबंधों के लिए वर्तमान संकट सबसे बड़ा खतरा है. उनका आम उद्देश्य अपने लोगों के लिए एक बेहतर और शांतिपूर्ण भविष्य का निर्माण करना होना चाहिए न कि एक दूसरे के खिलाफ सैन्य निर्माण बनाए जाए.’

बीते साल जब खबर आई थी कि कई लोगों के वॉट्सऐप में जासूसी हुई तब शर्मा भी आगे आए थे. उन्होंने कहा था कि ‘मुझे 29 अक्टूबर को रात 9.36 बजे वॉट्सऐप मैसेज मिला, जिसमें कहा गया था कि मेरा रिस्क पर है. मेरे पास पहला कॉल 15-20 दिन पहले कनाडा स्थित एनजीओ से आया था. मुझे अपना फोन बदलने की सलाह दी गई थी.’

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *