गाजीपुर- प्रगतिशील समाजवादी पार्टी (लोहिया) के जनाधार को लगातार मजबूत करते हुए पार्टी के संस्थापक और राष्ट्रीय अध्यक्ष शिवपाल सिंह यादव ने गाजीपुर में राजनीतिक उठापटक के संकेत दे दिए हैं। मुलायम सिंह यादव के करीबियों में शुमार पुराने समाजवादी दिग्गज इलाहाबाद विश्वविद्यालय छात्र संघ के पूर्व अध्यक्ष और समाजवादी पार्टी के पूर्व प्रदेश सचिव एस.पी. पांडेय को पार्टी का प्रदेश महासचिव बनाकर उन्हें प्रमुख जिम्मेदारी सौंपी है। एस.पी. पांडेय मुलायम सिंह यादव के बाद शिवपाल सिंह यादव और सांसद धर्मेंद्र यादव के बहुत करीबी हैं। इनके प्रसपा (लोहिया) में जाने से जनपद में सपा के जनाधार को झटका लग सकता है। सपा के इकलौते ब्राह्मण नेता एस.पी. पांडेय को शिवपाल यादव द्वारा अहम जिम्मेदारी देकर पूरे पूर्वांचल में ब्राह्मणों को अपने पाले में लाने की कवायद शुरू हो गई है। एस.पी. पांडेय ने अपने राजनीतिक जीवन की शुरुआत छात्र राजनीति से की है। छोटे लोहिया के नाम से मशहूर स्वर्गीय जनेश्वर मिश्र की अध्यक्षता में उन्होंने 1972 में युवजनसभा के सदस्यता से अपना सफर शुरू किया। 1974 में जेपी आंदोलन में डॉ. रघुवंश के साथ गिरफ्तार भी हुए। 1980 में समाजवादी युवजन सभा के प्रदेश उपाध्यक्ष रहे। 1986-87 में इलाहाबाद विश्वविद्यालय में शताब्दी वर्ष में अध्यक्ष पद पर ऐतिहासिक जीत दर्ज की। छात्र संघ अध्यक्ष रहते हुए कई ऐतिहासिक कार्य किए जो आज भी विश्वविद्यालय के युवाओं में लोकप्रिय है। फिर 1989 में पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय राजीव गांधी के आने पर कांग्रेस की सदस्यता ग्रहण की। 2004 में कांग्रेस के लोकसभा के उम्मीदवार भी रहे। 2009 से 2013 तक जिला कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष भी रहे। फिर पूर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव के कहने पर इन्होंने पुनः समाजवादी पार्टी का झंडा थाम लिया। तब नेताजी ने इन्हें प्रदेश सचिव की जिम्मेदारी भी सौपी। 2014 लोकसभा चुनाव में वाराणसी संसदीय सीट के प्रभारी भी नियुक्त किए गए, लेकिन सपा में अंदरूनी कलह के चलते पार्टी का विभाजन हुआ तो इन्होंने शिवपाल सिंह यादव के साथ अपनी निष्ठा व्यक्त की।
रिपोर्ट-:प्रदीप दुबे गाजीपुर