बरेली। जिले के थाना प्रेमनगर स्थित गंगाशील अस्पताल के एमडी समेत छह पर एडीजी के आदेश पर मुकदमा दर्ज किया गया है। आरोप है कि केंद्रीय स्वास्थ्य योजना के तहत इलाज के नाम पर लाखों रुपए हड़पे हैं। इस दौरान अस्पताल प्रबंधन की ओर से जो चेक दिया गया। वह भी बाउंस हो गया है। फिलहाल पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर मामले की जांच शुरू कर दी है। वहीं आरोपित डाक्टर निशांत ने मामले की जानकारी से ही इन्कार कर दिया है। अधिवक्ता हरीश चंद्र सहगल प्रेमनगर के न्यू प्रभात नगर रामजानकी मंदिर के पास रहने वाले हैं। उनके मुताबिक 12 जून की रात खाना खाकर वह बेटे नितेश के साथ घर के बाहर टहल रहे थे। इसी दौरान पीछे से आई एक कार ने दोनों को चपेट में ले लिया जिसमे उनकी दोनों पैरों की एड़ियों की हड्डियां टूट गईं। वहीं नितेश के एक पैर और एक हाथ की हड्डी टूट गई। सिर में भी गंभीर चोट आई थी। इलाज के लिए दोनों को स्वजन ने प्रेमनगर स्थित गंगाशील अस्पताल में भर्ती कराया। आरोप है कि अस्पताल में उनसे दवाइयों के नशे में कई कागजातों पर हस्ताक्षर व अंगूठे ले लिए गए। अस्पताल में इलाज के नाम पर दो बार में उनसे 6 लाख रुपए जमा कराए गए। 16 जून को और रुपए की मांग पर उन्होंने असमर्थता जताई थी। उस दौरान अस्पताल प्रबंधक अभिषेक दीपक पाल ने एमडी के साथ बैठक कराकर एक स्कीम के तहत इलाज करने की बात उनसे कही। खर्चा काटकर जमा रकम में से डेढ़ लाख रुपए लौटाने का वादा करके उन्हें एक चेक भी दिया। जब बाद में उन्होंने वह चेक बैंक में लगाया तो वह बाउंस हो गया। हरीश का आरोप है कि धोखाधड़ी कर इलाज के नाम पर उनसे छह लाख रुपए हड़प लिए गए हैं। इतना ही नहीं केंद्रीय सरकार स्वास्थ्य योजना (सीजीएचएस) के जरिए भी रुपए हड़पने की कोशिश की गई। हरीश ने मामले की शिकायत एडीजी अविनाश चंद्र से की। मामले की गंभीरता को देखते हुए एडीजी के आदेश पर थाना प्रेमनगर में अस्पताल के एमडी डॉ. निशांत गुप्ता, वैभव गौतम, संकेत वाली, अभिषेक, दीपक पाल, मनीष वैष्णव गंगाशील इकाई शील नर्सिंग होम प्राइवेट लिमिटेड के खिलाफ धोखाधड़ी का मुकदमा दर्ज किया गया है। इंस्पेक्टर प्रेमनगर जसवीर सिंह ने बताया कि एडीजी के आदेश पर तहरीर के अनुसार गंगाशील अस्पताल के प्रबंध निदेशक समेत अस्पताल प्रबंधन के छह लोगों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज की गई है। जांच में जो भी तथ्य सामने आएंगे, उसके अनुसार कार्रवाई की जाएगी।।
बरेली से कपिल यादव