उत्तराखंड/देहरादून- उत्तराखंड की राजधानी देहरादून के परेड ग्राउंड में आज सभी सामान्य जातियों का पिछड़ी जातियों के लोगों के साथ हजारों लोगों ने आरक्षण के विरोध में रैली निकाली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से अखिल भारतीय समानता मंच के पदाधिकारियों गोवा अन्य लोगों ने भारत में आरक्षण को समाप्त किए जाने एवं पदोन्नति के आरक्षण हेतु 117 संविधान संशोधन को निरस्त किए जाने के संबंध में कहा कि सौभाग्य की बात है कि बहुत समय बाद भारत में आपके कुशल नेतृत्व के पूर्ण बहुमत की केंद्रीय सरकार विद्यमान है आपके मेक इन इंडिया स्वच्छ भारत अभियान नोटबंदी व जीएसटी जैसी कई योजनाओं का हम दिल से पूर्ण समर्थन करते हैं परंतु समाज में पिछड़े वर्गों के लिए संविधान में मात्र 10 वर्षों के लिए आरक्षण की व्यवस्था की गई थी किंतु जातिवादी वन्य हित कारणों से जाति आधारित आरक्षण की अवधि वह क्रीमी लेयर की सीमा को बारंबार बिना समीक्षा के बढ़ाया जाता रहा है जिसे कि 10- 10 वर्ष करते-करते आज 68 वर्ष पूरे हो गए आज तक ऐसी आरक्षण प्राप्त प्रशासनिक अधिकारी डॉक्टर इंजीनियर सशक्त कर्मचारी किसी ने नहीं कहा कि अब वहां दलित पिछड़ा नहीं रह गया है वह अब उसे जातिगत आरक्षण की जरूरत नहीं है इससे सिद्ध होता है कि आरक्षण का आधार पिछड़ा वर्ग समूह के बजाए जाति किए जाने से इन 68 वर्षों में कोई लाभ नहीं हुआ है इस जाति आरक्षण का लाभ जहां कुछ लोग परिवार समेत पीढ़ी-दर-पीढ़ी लेते आ रहे हैं वही वह इसे निम्नतम स्तर वाले अपने ही जरूरतमंद लोगों तक भी नहीं पहुंचने दे रहे हैं अन्यथा 68 वर्षों में हर आरक्षित वर्ग के व्यक्ति तक इसका लाभ पहुंच चुका होता ऐसे तक के को वह केवल अपने बार-बार लाभ हेतु संख्या गिनती तक ही सीमित कर दे रहे हैं क्योंकि गरीबी जाति देख कर नहीं आती फिर आरक्षण जाति आधारित पर क्यों आरक्षण का आधार जाति किए जाने से जहां सामान्य वर्ग के तमाम निर्धन व जरूरतमंद युवा बेरोजगार हतोत्साहित है कर्मचारी कुंठित व उत्साह हीन है वही समाज में जातिवाद का जहर बड़ी तेजी से बढ़ता जा रहा है अतः आपसे निवेदन है कि राष्ट्र के समर्थन व विकास के लिए संविधान में संशोधन करते हुए आरक्षण को समाप्त करने का कष्ट करें किसी भी जाति धर्म के असल जरूरतमंद निर्धन व्यक्ति को आरक्षण नहीं बल्कि संरक्षण देना सरकार को सुनिश्चित करना चाहिए आरक्षण को पूर्ण रूप से समाप्त करने से पहले अगर वंचित वर्ग तक इसका ईमानदारी से वास्तव में सरकार लाभ पहुंचाना चाहती है तो इस आरक्षण को एक परिवार से एक ही व्यक्ति केवल बिना विशेष योग्यता कार्यकुशलता वाली समूह ग व घ की नौकरियों में मूल नियुक्ति के समय ही दिया जा सकता है आयकर की सीमा में आने वाले व्यक्ति के परिवार को आरक्षण से वंचित किया जाना चाहिए ताकि राष्ट्र की बहुमूल्य संसाधनों का अनुप्रयोग सुनिश्चित हो सके जो कि तर्कसंगत एवं न्याय संगत होगा पदोन्नति में आरक्षण को पूर्णतया बंद कराया जाना चाहिए जिससे की योग्यता कार्यकुशलता वरिष्ठता का निरादर न हो । वर्तमान में या किसी से भी छुपा नहीं है कि अनुसूचित जाति जनजाति एक्ट का दुरुपयोग सामान्य जाति के उत्पीड़न ब्लैक मेलिंग आपसी रंजिश आदि मामलों में बढ़ता ही जा रहा है इसके कई उदाहरण है इन्हीं सब पर गहन विचार के पश्चात ही माननीय सर्वोच्च न्यायालय ने मात्र गिरफ्तारी से पूर्व एक प्रारंभिक जांच की बात कही इस फैसले में क्या अनुचित है जहां सरकार इसे नवी अनुसूची में डालने को आतुर है वही वर्ग विशेष की यात्रा की निर्दोष को सबसे पहले गिरफ्तार कर जेल में डाल दिया जाए सालों-साल निर्दोष व्यक्ति पर मुकदमा चला कर उसका मानसिक आर्थिक सामाजिक उत्पीड़न किया जाए भले ही वह बाद में निर्दोष साबित हो और इसके लिए 2 अप्रैल 2018 को वर्ग विशेष द्वारा माननीय सर्वोच्च न्यायालय का अपमान करते हुए भारत वन में विशेष देश का भारी नुकसान किया गया इस प्रकार के कृत्य से जहां जातिवाद को बढ़ावा मिलेगा वहीं निर्दोष सवर्णों का शोषण भी बढ़ेगा इसके सारे सवर्ण समाज में गुस्से का माहौल बन गया है यदि सरकार माननीय सर्वोच्च न्यायालय के फैसले पदोन्नति के आरक्षण में फैसलों को पलटने का कार्य करती है तो यह संपूर्ण समाज 2019 में लोकसभा चुनाव के मद्देनजर मजबूर होकर अपनी रणनीति बनाकर अपने वोट बैंक का ऐसा जरूर कराएगा अंत में आपसे विनम्र निवेदन है कि केवल वर्ग विशेष के वोट बैंक के लिए एक बड़े विशेष नागरिकों के साथ सौतेला एवं समानता का व्यवहार न करके ईश्वर को न्यायोचित मांगों पर अंतरात्मा से निर्णय लेने की कृपा करें
इस रैली में JAC के राष्ट्रीय संयोजक एससी चंदेल जोगी पूर्व आईएएस है वह ब्रिगेडियर के जी बहल कर्नल एपी कुमेरी दिल्ली से पहुंचे जनकवि जसवीर हलदर जिन्होंने आरक्षण के विरोध में कविता पाठ कर खूब तालियां बटोरी वह डॉक्टर मुकुल शर्मा आई आई टी सी एडवोकेट रवि नेगी महासचिव क्षेत्रीय चेतना मंच सूर्य विक्रम शाही श्रीमती मोनू छतरी डॉ डीके शर्मा गोर्खाली सुधार सभा सहित कई संस्था से जैसे शक्ति कल्याण समिति अनुग्रह NGO 1207 बार एसोसिएशन बैंक एसोसियन संपन्न नागरिक मंच अमूल्य जीवन चैरिटेबल ट्रस्ट अखिल भारतीय गढ़वाल सभा युवा शिवसेना अखिल भारतीय समानता मंच के सचिव एम पी रतूड़ी अध्यक्ष उत्तराखंड बी एन एस रावत उपाध्यक्ष श्रीमती उर्मिला कठैत संगठन सचिव गढ़वाल के एस रावत उपाध्यक्ष डॉक्टर एस पी देवरा पीवीसी एपिसोड लानी यसपाल बिष्ट करौली से खिलाना खंडूरी मौजूद थे।
– इंद्रजीत सिंह असवाल,पाैडी गढ़वाल उत्तराखंडउत्तराखंड में जातिगत आरक्षण के विराेध में निकाली रैली
उत्तराखंड/देहरादून- उत्तराखंड की राजधानी देहरादून के परेड ग्राउंड में आज सभी सामान्य जातियों का पिछड़ी जातियों के लोगों के साथ हजारों लोगों ने आरक्षण के विरोध में रैली निकाली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से अखिल भारतीय समानता मंच के पदाधिकारियों गोवा अन्य लोगों ने भारत में आरक्षण को समाप्त किए जाने एवं पदोन्नति के आरक्षण हेतु 117 संविधान संशोधन को निरस्त किए जाने के संबंध में कहा कि सौभाग्य की बात है कि बहुत समय बाद भारत में आपके कुशल नेतृत्व के पूर्ण बहुमत की केंद्रीय सरकार विद्यमान है आपके मेक इन इंडिया स्वच्छ भारत अभियान नोटबंदी व जीएसटी जैसी कई योजनाओं का हम दिल से पूर्ण समर्थन करते हैं परंतु समाज में पिछड़े वर्गों के लिए संविधान में मात्र 10 वर्षों के लिए आरक्षण की व्यवस्था की गई थी किंतु जातिवादी वन्य हित कारणों से जाति आधारित आरक्षण की अवधि वह क्रीमी लेयर की सीमा को बारंबार बिना समीक्षा के बढ़ाया जाता रहा है जिसे कि 10- 10 वर्ष करते-करते आज 68 वर्ष पूरे हो गए आज तक ऐसी आरक्षण प्राप्त प्रशासनिक अधिकारी डॉक्टर इंजीनियर सशक्त कर्मचारी किसी ने नहीं कहा कि अब वहां दलित पिछड़ा नहीं रह गया है वह अब उसे जातिगत आरक्षण की जरूरत नहीं है इससे सिद्ध होता है कि आरक्षण का आधार पिछड़ा वर्ग समूह के बजाए जाति किए जाने से इन 68 वर्षों में कोई लाभ नहीं हुआ है इस जाति आरक्षण का लाभ जहां कुछ लोग परिवार समेत पीढ़ी-दर-पीढ़ी लेते आ रहे हैं वही वह इसे निम्नतम स्तर वाले अपने ही जरूरतमंद लोगों तक भी नहीं पहुंचने दे रहे हैं अन्यथा 68 वर्षों में हर आरक्षित वर्ग के व्यक्ति तक इसका लाभ पहुंच चुका होता ऐसे तक के को वह केवल अपने बार-बार लाभ हेतु संख्या गिनती तक ही सीमित कर दे रहे हैं क्योंकि गरीबी जाति देख कर नहीं आती फिर आरक्षण जाति आधारित पर क्यों आरक्षण का आधार जाति किए जाने से जहां सामान्य वर्ग के तमाम निर्धन व जरूरतमंद युवा बेरोजगार हतोत्साहित है कर्मचारी कुंठित व उत्साह हीन है वही समाज में जातिवाद का जहर बड़ी तेजी से बढ़ता जा रहा है अतः आपसे निवेदन है कि राष्ट्र के समर्थन व विकास के लिए संविधान में संशोधन करते हुए आरक्षण को समाप्त करने का कष्ट करें किसी भी जाति धर्म के असल जरूरतमंद निर्धन व्यक्ति को आरक्षण नहीं बल्कि संरक्षण देना सरकार को सुनिश्चित करना चाहिए आरक्षण को पूर्ण रूप से समाप्त करने से पहले अगर वंचित वर्ग तक इसका ईमानदारी से वास्तव में सरकार लाभ पहुंचाना चाहती है तो इस आरक्षण को एक परिवार से एक ही व्यक्ति केवल बिना विशेष योग्यता कार्यकुशलता वाली समूह ग व घ की नौकरियों में मूल नियुक्ति के समय ही दिया जा सकता है आयकर की सीमा में आने वाले व्यक्ति के परिवार को आरक्षण से वंचित किया जाना चाहिए ताकि राष्ट्र की बहुमूल्य संसाधनों का अनुप्रयोग सुनिश्चित हो सके जो कि तर्कसंगत एवं न्याय संगत होगा पदोन्नति में आरक्षण को पूर्णतया बंद कराया जाना चाहिए जिससे की योग्यता कार्यकुशलता वरिष्ठता का निरादर न हो । वर्तमान में या किसी से भी छुपा नहीं है कि अनुसूचित जाति जनजाति एक्ट का दुरुपयोग सामान्य जाति के उत्पीड़न ब्लैक मेलिंग आपसी रंजिश आदि मामलों में बढ़ता ही जा रहा है इसके कई उदाहरण है इन्हीं सब पर गहन विचार के पश्चात ही माननीय सर्वोच्च न्यायालय ने मात्र गिरफ्तारी से पूर्व एक प्रारंभिक जांच की बात कही इस फैसले में क्या अनुचित है जहां सरकार इसे नवी अनुसूची में डालने को आतुर है वही वर्ग विशेष की यात्रा की निर्दोष को सबसे पहले गिरफ्तार कर जेल में डाल दिया जाए सालों-साल निर्दोष व्यक्ति पर मुकदमा चला कर उसका मानसिक आर्थिक सामाजिक उत्पीड़न किया जाए भले ही वह बाद में निर्दोष साबित हो और इसके लिए 2 अप्रैल 2018 को वर्ग विशेष द्वारा माननीय सर्वोच्च न्यायालय का अपमान करते हुए भारत वन में विशेष देश का भारी नुकसान किया गया इस प्रकार के कृत्य से जहां जातिवाद को बढ़ावा मिलेगा वहीं निर्दोष सवर्णों का शोषण भी बढ़ेगा इसके सारे सवर्ण समाज में गुस्से का माहौल बन गया है यदि सरकार माननीय सर्वोच्च न्यायालय के फैसले पदोन्नति के आरक्षण में फैसलों को पलटने का कार्य करती है तो यह संपूर्ण समाज 2019 में लोकसभा चुनाव के मद्देनजर मजबूर होकर अपनी रणनीति बनाकर अपने वोट बैंक का ऐसा जरूर कराएगा अंत में आपसे विनम्र निवेदन है कि केवल वर्ग विशेष के वोट बैंक के लिए एक बड़े विशेष नागरिकों के साथ सौतेला एवं समानता का व्यवहार न करके ईश्वर को न्यायोचित मांगों पर अंतरात्मा से निर्णय लेने की कृपा करें
इस रैली में JAC के राष्ट्रीय संयोजक एससी चंदेल जोगी पूर्व आईएएस है वह ब्रिगेडियर के जी बहल कर्नल एपी कुमेरी दिल्ली से पहुंचे जनकवि जसवीर हलदर जिन्होंने आरक्षण के विरोध में कविता पाठ कर खूब तालियां बटोरी वह डॉक्टर मुकुल शर्मा आई आई टी सी एडवोकेट रवि नेगी महासचिव क्षेत्रीय चेतना मंच सूर्य विक्रम शाही श्रीमती मोनू छतरी डॉ डीके शर्मा गोर्खाली सुधार सभा सहित कई संस्था से जैसे शक्ति कल्याण समिति अनुग्रह NGO 1207 बार एसोसिएशन बैंक एसोसियन संपन्न नागरिक मंच अमूल्य जीवन चैरिटेबल ट्रस्ट अखिल भारतीय गढ़वाल सभा युवा शिवसेना अखिल भारतीय समानता मंच के सचिव एम पी रतूड़ी अध्यक्ष उत्तराखंड बी एन एस रावत उपाध्यक्ष श्रीमती उर्मिला कठैत संगठन सचिव गढ़वाल के एस रावत उपाध्यक्ष डॉक्टर एस पी देवरा पीवीसी एपिसोड लानी यसपाल बिष्ट करौली से खिलाना खंडूरी मौजूद थे।
– इंद्रजीत सिंह असवाल,पाैडी गढ़वाल उत्तराखंड