बरेली। ईद को लेकर पुलिस ने सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम कर लिए है। गुरुवार को पूरे दिन जिले भर के मस्जिदों के इमाम की तरफ से अपने घरों में नमाज पढ़ने की अपील की जा रही थी। वहीं, पुलिस ने साफ कर दिया कि मस्जिद में भीड़ नहीं जुटेगी और न ही लोग जमात में नमाज अदा करेंगे। सख्त निर्देश दिया कि सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करना अनिवार्य होगा। इसमें लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। इस बार ईद-उल-फितर की नमाज पर पुलिस का कड़ा पहरा रहेगा। जिले भर में ईदगाह से लेकर मस्जिदों के बाहर पुलिस फोर्स तैनात रहेगी। इस दौरान ईदगाह और मस्जिदों मे मौलवी समेत चुनिंदा पांच लोग ही नजाम पढ़ सकेंगे। एसएसपी रोहित सिंह सजवाण ने बताया कि मस्जिदों में पांच से अधिक लोगों को नमाज पढऩे की अनुमति नहीं है। इसके बाद भी अगर कोई मस्जिद में नमाज पढने पहुंचता है तो पुलिस उसे पूरी शालीनता के साथ वापस लौटाएगी। एसएसपी ने कहा कि कोरोना गाइडलाइन का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ पुलिस कड़ी कार्रवाई करेगी। पुलिस और प्रशासनिक अफसरों ने लोगों से अपने-अपने घरों पर नमाज पढने की अपील की है। अफसरों ने कहा है कि ईद की नमाज घरों में ही पढ़कर जश्न मनाएं। माहे रमजान के पाक महीने में तीस दिन रोजे, नमाज और इबादत का तोहफा ईद के रूप में मनाया जाता है। रमजान के महीने में इबादत करते हैं और बेसब्री से ईद का इंतजार करते हैं। लेकिन पिछले दो सालों से ईद पर कोरोना का कहर जारी है। जिसकी वजह से ईद का त्योहार बेहद सादगी से बिना किसी जश्न के मनाया जा रहा है। इस साल कोरोना की दूसरी लहर का कहर जारी है जिसकी वजह से लॉकडाउन लगा है। यह दूसरा साल है जब कोरोना महामारी के बीच ईद उल फितर मनाई जा रही है। हर साल रमजान के खत्म होने के बाद लोग ईद के दिन सुबह-सुबह नहाकर, नए कपड़े पहनते हैं और अपने बच्चों के साथ ईदगाह और मस्जिदों में नमाज पढने जाते हैं। नमाज के बाद लोगों से गले मिलकर सारा गिला शिकवा दूर करते हैं। लेकिन इस बार कोरोना वायरस के बढ़ते मामलों और लॉकडाउन के चलते लोगों को घर में रहकर ही ईद की नमाज अदा करनी होगी। कोरोना ने ईद का जश्न इस बार भी फीका कर दिया है।।
बरेली से कपिल यादव