आजमगढ़- आजमगढ़ के अतरौलिया विधानसभा 2017 में बसपा के प्रत्याशी व पूर्व ब्लॉक प्रमुख तरवां अखंड प्रताप सिंह पर एडीजी जोन वाराणसी द्वारा एक लाख का इनाम घोषित किया गया था, जिसके ऊपर तीन दर्जन अधिक गंभीर मुकदमें हत्या, हत्या के प्रयास, लूट, रंगदारी, गैंगस्टर जैसे संगीन मामले रहे। अभी हाल में जिले की पुलिस ने ढाई लाख रुपए का इनाम घोषित करने की संस्तुति भेजी। पुलिस की बढ़ती घेराबंदी के चलते चकमा देकर आज इनामी अखण्ड प्रताप सिंह ने आज़मगढ़ एडीजे कोर्ट में आत्म समर्पण किया। अखंड प्रताप सिंह के सरेंडर करने की सूचना के बाद बड़ी संख्या में कोर्ट के बाहर लोगों की भीड़ जमा हो गई।
बता दें कि आजमगढ़ के तरवा थाना क्षेत्र के जमुआ गांव निवासी अखंड प्रताप सिंह वर्ष 2017 में हुए विधानसभा चुनाव से पूर्व तरवा ब्लॉक का प्रमुख हुआ करता था। वर्ष 2013 में 11 मई को ट्रांसपोर्टर की गोली मारकर हत्या के बाद बंदूक भी लूट ली थी, इस पर मृतक के भाई के तहरीर पर थाना तरवा की पुलिस ने पूर्व ब्लाक प्रमुख अखंड प्रताप सिंह पर मुकदमा दर्ज किया था। अभियुक्त की गिरफ्तारी के लिए अपर पुलिस महानिदेशक वाराणसी जोन की ओर से एक लाख रुपए पुरस्कार भी घोषित किया गया था। अभी हाल ही में आज़मगढ़ की पुलिस ने ढाई लाख रुपए का इनाम घोषित करने की संस्तुति भेजी। अखंड प्रताप सिंह के खिलाफ 3 दर्जन से अधिक कई मामले लूट, डकैती, हत्या, गैंगस्टर के मुकदमा दर्ज रहे। पुलिस द्वारा गिरफ्तारी के लिए कई टीमें लगाई गई थी, देश के सभी राज्यों में क्राइम ब्रांच को पत्र लिखा गया, साथ ही प्रदेश के 75 जनपदों के पुलिस कप्तानों को भी पत्र लिखा गया था। इस मामले में अपर पुलिस अधीक्षक ग्रामीण ने बताया कि जिले में अखंड प्रताप सिंह पर कई मुकदमे है। जहां एक मामले में न्यायालय से जमानत मिली थी, न्यायालय के अपेक्षा करने पर वह न्यायालय में हाजिर नहीं हुए थे। जिसके चलते एडीजी के स्तर पर एक लाख का इनाम घोषित किया गया था। गिरफ्तारी के लिए कई टीमें लगाई गई जिससे दबाव के चलते अखंड प्रताप सिंह ने न्यायालय में सरेंडर किया।
रिपोर्टर:-राकेश वर्मा आजमगढ़