बरेली। आला हजरत खानदान की बहू निदा ने कानूनी लड़ाई जीत ली है। कोर्ट के आदेश पर अब शीरान को तीन लाख मुआवजा देना होगा। घरेलू हिंसा के मामले में 15 हजार रुपये हर महीने अदा करने होंगे। आदेश में कहा गया है कि शीरान रजा को निदा खान के रहने की व्यवस्था करनी होगी। वह चाहे तो ससुराल में भी रह सकती हैं। कोर्ट ने शीरान को आदेश दिया कि वह किसी भी स्थिति में घरेलू हिंसा नहीं करेंगे और निदा खान को मेहर की पूरी रकम वापस करेंगे। आला हजरत खानदान की बहू ने घरेलू हिंसा का केस दायर किया था। निदा ने कोर्ट के फैसले की सराहना की है। दरअसल, समाजसेवी निदा खान ने पति शीरान के विरुद्ध अदालत में वर्ष 2016 में घरेलू हिंसा का मामला दर्ज कराया था। भरण पोषण की रकम दिलाने के साथ ही साझी गृहस्थी में रहने का आदेश देने की भी मांग की थी। उनके वकील भूपेंद्र भड़ाना ने बताया कि निदा का निकाह आला हजरत खानदान के शीरान रजा खां के साथ 18 फरवरी 2015 को हुआ था। दहेज में कार की मांग को लेकर पति और ससुराल वाले उनको प्रताड़ित करने लगे। मांग पूरी न होने पर 16 जुलाई 2015 को ससुराल से निकाल दिया था। पीड़िता ने न्याय के लिए अदालत से गुहार लगाई थी। शीरान रजा खां के पिता अंजुम मियां ने बताया कि फिलहाल उन्हें कोर्ट के फैसले की जानकारी नहीं है। इस बाबत पता करने के बाद ही वह कुछ बता सकते है।।
बरेली से कपिल यादव