आमजन को राहत देना राज्य सरकार का पहला ध्येय: अशोक गहलोत

सौ सौ प्राथमिक एवं उच्च प्राथमिक विद्यालय होंगे क्रमोन्नत खोला जादू का पिटारा : मेवा राम जैन

बाडमेर/राजस्थान- मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि आमजन को राहत देना राज्य सरकार का ध्येय है। राज्य में उत्कृष्ट वित्तीय प्रबंधन कर जनकल्याणकारी योजनाओं का संचालन किया जा रहा है। केन्द्र सरकार के मानकों को पूरा करने एवं अनुमति मिलने पर ही राज्य सरकारों को ऋण मिलता है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार के पांच बजट में आमजन पर कोई भी नया कर नहीं लगाया गया है। राज्य सरकार द्वारा जनघोषणा पत्र की 90 प्रतिशत से अधिक घोषणाओं की क्रियान्विति कर दी गई है।

गहलोत शुक्रवार को बाड़मेर में 143 करोड़ रुपए के विकास कार्यों के लोकार्पण -शिलान्यास समारोह को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार सीमावर्ती जिलों की समस्याओं को लेकर संवेदनशील है। इंदिरा गांधी नहर का जल क्षेत्र में पहुंचाकर पेयजल समस्या का समाधान किया गया। रिफाइनरी से औद्योगिक उत्पादन शुरू होेने से क्षेत्र में वृहद् स्तर पर रोजगार सृजित होगा। जल जीवन मिशन के तहत राज्य सरकार द्वारा 55 प्रतिशत बजट दिया जा रहा है। इस दौरान मुख्यमंत्री ने बाड़मेर जिले के 100 प्राथमिक विद्यालयों को उच्च प्राथमिक विद्यालयों में तथा 100 उच्च प्राथमिक विद्यालयों को उच्च माध्यमिक विद्यालयों में क्रमोन्नत करने की घोषणा की।

मुख्यमंत्री ने कहा कि राजस्थान की भौगोलिक परिस्थितियों के कारण मूलभूत सुविधाओं को आमजन तक पहुंचाने की लागत अन्य राज्यों से अधिक है। इस बात को ध्यान में रखकर केन्द्र सरकार को प्रदेश के लिए अतिरिक्त बजट आवंटित करना चाहिए।

गहलोत ने कहा कि महंगाई राहत कैंपों के माध्यम से लगभग 1 करोड़ लोगों को न्यूनतम 1000 रुपए प्रतिमाह सामाजिक सुरक्षा पेंशन, किसानों को 2000 यूनिट, घरेलू उपभोक्ताओं को 100 यूनिट तक मुफ्त बिजली, मुख्यमंत्री चिरंजीवी स्वास्थ्य बीमा योजना में 25 लाख रुपए का निःशुल्क ईलाज, 10 लाख रुपए का दुर्घटना बीमा, महात्मा गांधी नरेगा योजना में 25 दिन का अतिरिक्त रोजगार, इंदिरा गांधी शहरी रोजगार गारंटी योजना में 125 दिन रोजगार, लम्पी रोग से मृत दुधारू पशुओं के लिए प्रति गाय 40 हजार रुपए की आर्थिक सहायता, मुख्यमंत्री कामधेनु पशु बीमा योजना में अधिकतम 2 दुधारू पशुओं का 40-40 हजार रुपए का बीमा, मुख्यमंत्री निःशुल्क अन्नपूर्णा फूड पैकेट योजना के तहत राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा के दायरे में आने वाले लाभार्थियों को हर माह निःशुल्क अन्नपूर्णा फूड पैकेट मिलेंगे। इन योजनाओं से आमजन को महंगाई की मार से राहत मिलेगी।

मुख्यमंत्री ने कहा कि आज राजस्थान सरकार की योजनाएं पूरे देश में चर्चा का विषय हैं। कर्मचारियों के लिए पुरानी पेंशन योजना (ओपीएस) एवं आरजीएचएस जैसी योजनाएं लागू की गई हैं। उन्होंने कहा कि महिला सशक्तीकरण को आगे बढ़ाते हुए प्रदेश में चरणबद्ध रूप से 1.35 करोड़ महिलाओं को तीन साल के इंटरनेट डेटायुक्त निःशुल्क स्मार्टफोन देने का निर्णय लिया गया है। इस वर्ष रक्षाबंधन पर 40 लाख महिलाओं को स्मार्टफोन दिए जाएंगे। उन्होंने कहा कि 600 करोड़ रुपए की लागत से संचालित उड़ान योजना में लगभग 1 करोड़ महिलाओं एवं बालिकाओं को प्रतिमाह 12 निःशुल्क सेनेटरी नैपकिन दिए जा रहे हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि रोजगार देने के लिए 100 मेगा जॉब फेयर राज्य सरकार द्वारा आयोजित कराए जा रहे हैं। छोटी प्रशासनिक इकाइयों के माध्यम से सुशासन देने के लिए 19 नए जिले बनाए गए हैं। उन्होंने कहा कि बालोतरा के जिला बनने से क्षेत्र की पुरानी मांग पूरी हुई है। 2030 तक राजस्थान को देश का प्रथम राज्य बनाना हमारा ध्येय है।

गहलोत ने कहा कि शिक्षा के क्षेत्र में राजस्थान अग्रणी राज्य बन गया है। हमारी सरकार के कार्यकाल में अब तक 303 महाविद्यालय खोले जा चुके हैं। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री अनुप्रति कोचिंग योजना के अन्तर्गत अब 30 हजार विद्यार्थियों को निःशुल्क कोचिंग दी जा रही है। उन्होंने कहा कि बडौदा महाराज द्वारा डॉ. भीमराव अंबेडकर को पढ़ने के लिए विदेश भेजा गया और वो संविधान निर्माता बनकर लौटे। इसी प्रकार राज्य सरकार द्वारा राजीव गांधी स्कॉलरशिप फॉर एकेडमिक एक्सीलेंस योजना के माध्यम से 500 मेधावी विद्यार्थियों को उच्च स्तरीय शिक्षा के लिए विदेश भेजा जा रहा है। जब ये विद्यार्थी विदेश से लौटेंगे तो इनके अनुभव का लाभ देश-प्रदेश को हो सकेगा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि पूर्ववर्ती केंद्र सरकार द्वारा कानून बनाकर आमजन को शिक्षा, सूचना, रोजगार एवं खाद्य सुरक्षा के अधिकार दिए गए। राज्य सरकार द्वारा कानून बनाकर स्वास्थ्य का अधिकार (आरटीएच) जनता को दिया गया है। वर्तमान केंद्र सरकार को भी कानून बनाकर आमजन को सामाजिक सुरक्षा का अधिकार देना चाहिए। इससे सभी नागरिक सम्मान के साथ जीवनयापन कर सकेंगे।

गहलोत ने कहा कि पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना (ई.आर.सी.पी.) पूर्वी राजस्थान के 13 जिलों की जीवनरेखा है। केन्द्र सरकार को ई.आर.सी.पी. को राष्ट्रीय परियोजना का दर्जा देना चाहिए, ताकि राज्य के एक बड़े क्षेत्र में सिंचाई जल एवं पेयजल आपूर्ति सुनिश्चित हो सके। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री स्वयं अपनी सभाओं में ई.आर.सी.पी. को राष्ट्रीय परियोजना का दर्जा देने की बात कह चुके हैं।

इससे पहले उन्होंने महंगाई राहत कैम्प का अवलोकन भी किया। इस दौरान मुख्यमंत्री ने वहां लगी विभिन्न विभागीय स्टॉल्स पर लाभार्थियों को दी जा रही सेवाओं की जानकारी प्राप्त की तथा लाभार्थियों से संवाद किया। मुख्यमंत्री ने कैम्प में 20 दिव्यांगों को स्कूटी की चाबी सौंपी।

समारोह में वन एवं पर्यावरण मंत्री हेमाराम चौधरी, अल्पसंख्यक मामलात मंत्री शाले मोहम्मद, राज्य गौ सेवा आयोग अध्यक्ष मेवाराम जैन, राज्य सैनिक कल्याण सलाहकार समिति के अध्यक्ष मानवेन्द्र सिंह, पूर्व राजस्व मंत्री हरीश चौधरी, विधायक अमीन खान, मदन प्रजापत, पदमाराम मेघवाल सहित वरिष्ठ अधिकारी एवं बड़ी संख्या में आमजन उपस्थित रहे।

– राजस्थान से राजूचारण

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