•तिब्बी कॉलेज एवं अस्पताल में छात्रों का जबरदस्त हंगामा जारी
बिहार/मझौलिया- पहले सेशन एक साल लेट और उस पर एक साल से रिजल्ट भी नहीं जारी किया गया है। 2015-16 की परीक्षा का परिणाम 2018 तक नहीं आया है। इसी मामले को लेकर कल गर्दनीबाग में छात्र यूनियन के धरने के बाद आज आक्रोशित छात्रों ने कॉलेज पर ही ताला जड़ कर हंगामा शुरु कर दिया है।
जानकारी के अनुसार छात्रों ने कहा है कि जब तक समस्या का समाधान नहीं निकलता तब तक प्रदर्शन जारी रहेगा। उनका कहना है कि इस मामले में जब तक शिक्षा मंत्री और स्वास्थ्य मंत्री संज्ञान नहीं लेंगे तब तक कॉलेज को खुलने नहीं दिया जाएगा।
दरअसल डॉक्टर बनने की उम्मीद लिए राजधानी के तिब्बी कॉलेज में पढ़ने वाले छात्रों का भविष्य कॉलेज प्रशासन की लापरवाही से अधर में लटका हुआ है।सारी दिक्कतों के लिए कॉलेज प्रशासन सरकार पर ठीकरा फोड़ रहा है तो सरकार पूरी तरह से कॉलेज को जिम्मेदार ठहरा रही है।
राजभवन के अधिकारी ने तो प्रिन्सिपल की पिटाई करने तक की छात्रों तो सलाह दे डाली है।
यह बात हम नहीं कह रहे, बल्कि तिब्बी कॉलेज के छात्र यूनियन अंजुमन खुद्दामुत तिब के सचिव शहनवाज खान ने बताई है।
शहनवाज के मुताबिक पहले तो लेटलतीफी करते हुए 2015-16 सेशन की परीक्षा सितंबर 2017 में ली गई। लापरवाही यहां नहीं खत्म होती है। एक साल गुजर जाने के बाद भी रिजल्ट घोषित नहीं किया गया है। छात्र इस मामले को लेकर जब भी प्रिन्सिपल मोहम्मद जियाउद्दीन और नीसी अरेन्द्र यादव से मिलते हैं तो कोई न कोई बहाना बना दिया जाता है।
छात्र युनियन के सचिव के मुताबिक इस मामले को लेकर जब उनका प्रतिनिधिमंडल राज्यपाल से मिलने गया तो वहां अधिकारियों की अलग ही दलील है। उनके मुताबिक 2013 से तिब्बी कॉलेज के परिवर्तित पाठ्यक्रम का अप्रूवल ही नहीं लिया गया है। इस मामले में राजभवन के अपर सचिव ने छात्रों को खाली हाथ लौटाते हुए कमाल की सलाह दे डाली। उन्होंने कहा कि जाकर कॉलेज के प्रिन्सिपल की पिटाई करो कि अब तक अप्रूवल क्यों नहीं लिया।
– राजू शर्मा की रिपोर्ट