नागौर/मेङता सिटी/राजस्थान- मेड़ता सिटी.एमडीएस यूनिवर्सिटी की ओर से राजकीय पीजी महाविद्यालय मेड़ता सिटी का नाम अब परीक्षा आवेदन वेबसाइट पर जोड़ दिया गया है। शुक्रवार को पीजी कला संकाय के स्वयंपाठी विद्यार्थियों के लिए बेवसाइट पर महाविद्यालय का नाम जुडऩे पर छात्रों ने मिठाइयां बांटकर खुशी व्यक्त की। अब एमए करने वाले यहां के विद्यार्थियों को परीक्षा देने अजमेर व नागौर नहीं जाना पड़ेगा, उन्हें मेड़ता में ही परीक्षा सेंटर दिया जाएगा।
शहर के राजकीय पीजी महाविद्यालय से एमए के लिए आवेदन करने वाले स्वयंपाठी विद्यार्थियों को शुक्रवार को राहत मिल गई। अब पीजी कला संकाय के स्वयंपाठी विद्यार्थी रा. विज्ञान, अंग्रेजी साहित्य, हिंदी साहित्य और समाज शास्त्र विषय से अपना परीक्षा आवेदन राजकीय पीजी महाविद्यालय मेड़ता से ही भर सकेंगे। इसके लिए यूनिवर्सिटी की साइट पर मेड़ता महाविद्यालय (3032) का नाम जोड़ दिया गया है, जिससे अब एमए करने वाले स्वयंपाठी विद्यार्थी भी राजकीय महाविद्यालय मेड़ता सिटी से अपना आवेदन भर सकेंगे और उन्हें यहीं पर सेंटर मिल सकेगा, जिससे उन्हें परीक्षा देने के लिए 80 से 100 किलोमीटर की दूरी तय कर नागौर या फिर अजमेर नहीं जाना पड़ेगा। स्वयंपाठी छात्र-छात्राओं का समय व पैसा बर्बाद नहीं होगा। साथ ही उन्हें परीक्षा सेंटर को लेकर किसी तरह की दिक्कतें भी नहीं होगी। महाविद्यालय का नाम बेवसाइट से जुडऩे पर एनएसयूआई के जिला उपाध्यक्ष सुरेंद्र बापेडिय़ा, ब्लॉक अध्यक्ष रामअवतार कस्वां, उपाध्यक्ष हाथीराम डूकिया, शहर अध्यक्ष अनिल सारस्वत, रामप्रकाश बेड़ा, हेमंत चौधरी, रामदेव कस्वां, रामसुख ताडा, रामकुमार, मुकेश बिसु, रामअवतार जाजड़ा, देवीलाल भाम्भू सहित छात्रों ने मिठाइयां बांटी और परीक्षा नियंत्रक सुबोध दत्ता, प्राचार्य मुन्नालाल अग्रवाल व विश्वविद्यालय प्रशासन की ओर से विद्यार्थी हित में किए गए कार्यों की सराहना की।
*तीन दिन पहले दिया था ज्ञापन*
उल्लेखनीय है, कि तीन दिन पूर्व विद्यार्थियों और एनएसयूआई की ओर से इस समस्या को लेकर मेड़ता एसडीएम हीरालाल मीणा को ज्ञापन दिया गया था और समस्या का तीन दिन में समाधान नहीं होने पर आंदोलन की चेतावनी दी गई थी। तब एसडीएम ने परीक्षा नियंत्रक से दूरभाष पर बात कर विद्यार्थियों को शीघ्र ही समस्या समाधान का भरोसा दिलाया था। अब पीजी महाविद्यालय का नाम परीक्षा वेबसाइट पर जुडऩे से स्वयंपाठी विद्यार्थियों ने राहत की सांस ली है। ज्ञात रहे, कि इस समस्या को लेकर छात्रों ने पिछले साल भी धरना-प्रदर्शन कर आंदोलन किया था। तब उन्हें अगले वर्ष महाविद्यालय का नाम परीक्षा वेबसाइट से जोडऩे का आश्वासन दिया गया था।