एटा – जनपद मे प्रदेश सरकार द्वारा भू माफियाओं के खिलाफ चलायी जा रही मुहिम को बड़ा धक्का लगा हैं। जनपद की अलीगंज तहसील न्यायालय मे सरकारी भूमि पर से कब्जों को हटाने के चल रहे मुकदमो की 71 पत्रावलियों के अचानक गायब हो जाने से अलीगंज तहसील प्रशाशन मे हड़कंप मच गया हैं।
सभी पत्रावलियों मे धारा 67 के तहत तहसीलदार न्यायालय मे सरकारी जमीनों को कब्ज़ा मुक्त करवाने की सुनवाई चल रही थी। जैसे ही तहसीलदार न्यायालय से 71 पत्रावलियों के गायब होने की सूचना मिली वैसे ही अलीगंज के तहसीलदार राकेश कुमार सिंह ने तसीलदार न्यायालय के पेशकर कैलाश नारायण सक्सेना के खिलाफ अलीगंज थाना मे धारा 409 के तहत एफआईआर करवा दी हैं। मामले की जाँच चल रही है।
सरकारी पत्रावलियों मे छेड़छाड़ करके अवैध तरीके से करवा सकते हैं अपने नाम
इससे पूर्व भी अलीगंज तहसील मे सरकारी पट्टे की भूमि को जालसाजों द्वारा सरकारी पत्रावलियों मे छेड़छाड़ करके अवैध तरीके से भूमि को अपने नाम करवा लिया गया था। इसके बाद तहसील कार्ययाल के लोगों से मिलीं भगत करके भूमि को संक्रमणीय घोषित करवा कर करोड़ो रुपये मे बेंच दिया गया था। तहसीलदार अलीगंज राकेश कुमार सिंह ने इस मामले मे भी अलीगंज थाना मे 9 लोगों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई हैं जिसमे अलीगंज पुलिस जांच कर रही हैं। इन दोनों मामलो से अलीगंज मे बड़ा भूमि खोटाला सामने आ गया हैं जिसमे बड़े स्तर पर सरकारी ज़मीन पर भू माफियाओं द्वारा किए गए कब्जे के मामले भी शामिल हैं।
तहसीलदार अलीगंज राकेश कुमार सिंह ने बताया कि इस मामले मे उनके द्वारा एफआईआर दर्ज कराई गयीं हैं और जिन लोगों ने भी ये कृत्य किया हैं कानून के अनुसार उनको कड़ी सजा मिलेगी। इस पूरे मामले मे तहसीलदार न्यायालय अलीगंज मे कार्यरत पेशकार कैलाश नारायण सक्सेना का कहना हैं कि उनके खिलाफ गलत तरीके से एफआईआर करवाई गयीं हैं। 30 अगस्त से ही वे मेडिकल पर है। उन्होंने उक्त फाइलों को कभी रिसीव ही नहीं किया था।
– सहारनपुर से सुनील चौधरी