मिर्जापुर/मड़िहान- सड़क किनारे कीमती जमीन राजस्वकर्मियों की मिलीभगत से दो लोगों ने खतौनी में अपना नाम दर्ज करा लिया।उन्हें कब्जा नही मिला तो दबंगो के हाथ जमीन बेच दी।ग्रामीणों के बिरोध के बावजूद दबंग जमीन पर कब्जा कर रहे हैं।मामला अमोई गांव स्थित उत्तरप्रदेश सरकार की भूमि का है।
सूत्र बताते हैं कि पट्टा पत्रावली का हवाला देकर तहसील के अभिलेखों में फर्जी आदेश से रामसजीवन व फूलचन्द ने अपना नाम दर्ज करा लिया।कुछ दिन बाद रामसजीवन ने अमोई गांव निवासी कल्लू सिंह को जमीन बेच दिया।भूमिधरी व नापी के पहले तहसील न्यायालय ने जमीन खारिज कर दिया।वह जमीन पुनः उत्तरप्रदेश सरकार के नाम से जमीन अंकित हो गयी।
उसी नम्बर में आधी जमीन का हिस्सेदार फूलचन्द ने अर्चना पटेल पत्नी श्रावण व खुशबू पत्नी राजन पटेल पुत्रगण रामनगीना सिंह को बेच दिया।जब कि उसी जमीन में लगभग आधा दर्जन गरीबों का घर पहले से बना है।ग्राम प्रधान के नेतृत्व में ग्रामीण उस जमीन को फर्जी तरीके से हथियाने का बिरोध डेढ़ वर्ष से कर रहे हैं।तहसील व थाने पर दिए गए शिकायती पत्रों का गट्ठर इकट्ठा हो गया।किन्तु सुनवाई नही हुई।प्रभावशाली व्यक्ति की दबाव में जांच के नाम पर प्रधान घनश्याम कोल बैकफुट पर आ गया।लेकिन ग्रामीण पीछा नही छोड़ रहे।ग्रामीणों ने मिर्ज़ापुर कलेक्ट्रेट में शुक्रवार से धरना शुरू कर दिया है।
रिपोर्ट-:बृजेन्द्र दुबे गाजीपुर