ग़ाज़ीपुर – सैदपुर क्षेत्र से गुजरने वाले राष्ट्रीय राजमार्ग 29 के चौड़ीकरण कार्य अंतर्गत औड़िहार से नसीरपुर तक बन रहे बाईपास मार्ग में अधिग्रहित जमीन का मुआवजा नही मिलने और रास्ते पर निकासी को पुलिस नही बनने से नाराज महरूमपुर गांव के किसानों ने गुरूवार की शाम को बाईपास के निर्माण का काम रोकर विरोध प्रदर्शन किया। इस दौरान काम चालू कराने के प्रयास में लगे उपजिलाधिकारी सत्यम मिश्र के कड़े तेवर से किसानों का गुस्सा भड़क गया। जिसके बाद माहौल खराब होता देख उपजिलाधिकारी सत्यम मिश्र को मौके से बैेरंग निकला पड़ गया। गौरतलब है कि महरूमपुर के पास बन रहे राजमार्ग 29 बाईपास मार्ग पर बिते कई दिनों से मुआवजे और पुराने मार्ग के उपर मिट्टी डालने के बजाय, वहां पुलिया निर्माण की मांग को लेकर किसान संघर्षरत थे। इस दौरान उनकी मांगों को नजरअंदाज कर गुरूवार को जैसे ही बाईपास मार्ग पर मिट्टी गिराने का काम शुरू हुआ, किसानों का गुस्सा भड़क गया। जिसके बाद गुस्साये किसानों ने काम पर लगीं सभी मशीनों को बंदकराकर उन्हे वापस भेज दिया। मामला संज्ञान में आने के बाद उपजिलाधिकारी मौके पर पहुंचे, जिनके सामने किसानों ने अपनी बात रखी। लेकिन किसान किसी भी सूरत में काम चालू नही होने देने पर अड़े रहे। इस दौरान उपजिलाधिकारी ने अपने तेवर कड़े करते हुये, काम रोकने वालों के उपर मुकदमा दर्ज कराने की बात कही, जिससे किसानों का गुस्सा भड़क गया। जिसके बाद बिना पुलिस फोर्स के मौके पर पहुंचे उपजिलाधिकारी मामला बिगड़ता देख मौके से जाने लगे तो किसानों ने उनकी गाड़ी को घेर लिया। गांव के बड़े बुजुर्गो के कहने पर गुस्साये ग्रामीण कुछ शांत हुये, तब उपजिलाधिकारी मौके से अपना वाहन लेकर जा सके। मुआवजा नही पाने वाले राजेन्द्र, दिनेश, मनीष, सतीष, बृजेश, मेवाती आदि ने बताया कि महरूमपुर से रामपुर गांव को जाने वाले रास्ते के उपर मिट्टी डाली जा रही है, जबकी हमारी मांग है कि उक्त रास्ते को चालू रखने के लिये वहां पुलिया निर्मार्ण कराया जाय, और जिन किसानों का मुआवजा अभी भी उन्हे नही मिला है, उन्हे मुआवजा देने के बाद ही बाईपास पर काम लगाया जाय। हम अपनी यह मांग उपजिलाधिकारी से कर रहे थे, तभी उन्होने कहा कि काम रोकने वालों पर तीन सौ सात का मुकदमा पंजिकृत कराकर समझा देंगे। जिसके बाद किसान भड़क गये।
गाजीपुर से प्रदीप दुबे की रिपोर्ट