अधिकारियों अपना ढर्रा सुधारों नहीं तो तनख्वाह से कटेगा जुर्माना : नारायण बारेठ

बाड़मेर/ राजस्थान- राज्य सूचना आयोग ने आम अवाम को सूचना मुहैया कराने में कोताही बरतने पर अधिकारियों के प्रति नाराजगी का इजहार किया है।आयोग ने चित्तौड़गढ़ के अतिरिक्त जिला कलेक्टर पर सूचना का अधिकार कानून की अवहेलना करने पर दस हजार रूपये का जुर्माना लगाया है। इसी कड़ी में आयोग ने बूंदी की कापरेन नगर पालिका के अधिशाषी अधिकारी और कोटा में रामगंगमंडी के लापरवाह अधिशाषी अधिकारियों पर पांच पांच हजार रुपए का जुर्माना लगाया है। आयोग ने बारां नगर परिषद के अधिशाषी अधिकारी पर भी पांच हजार रूपये की शास्ति आरोपित की है।

चित्तौड़गढ़ के शिवप्रकाश ने आयोग को शिकायत की थी कि आयोग के आदेश के बावजूद अतिरिक्त जिला कलेक्टर ने उन्हें जानबूझकर सूचना उपलब्ध नहीं करवाई। मामले की सुनवाई करते हुए सूचना आयुक्त नारायण बारेठ ने कहा यह दुखद है कि बार बार तकाजा करने के उपरांत भी वरिष्ठ अधिकारी ने आदेश की क्रियान्विति में कोई रूचि नहीं ली। शिवप्रकाश ने अपने जिले के आंवलहेड़ा में चरागाह भूमि पर अतिक्रमण की गई शिकायत पर कार्यवाही की जानकारी मांगी थी। जब उनकी अर्जी को अनसुना कर दिया गया ,शिवप्रकाश ने आयोग के सम्मुख अपील की।

उनकी इस अपील पर तत्कालीन सूचना आयुक्त आशुतोष शर्मा ने अक्टूबर ,2019 में अतिरिक्त जिला कलेक्टर को सूचना मुहैया कराने का आदेश दिया। लेकिन इसकी पालना नहीं की गई। अब यह मामला जब सुनवाई में आया ,सूचना आयुक्त नारायण बारेठ के ध्यान में लाया गया कि तीन मर्तबा नोटिस भेजने के बावजूद भी अतिरिक्त जिला कलेक्टर ने न तो अपनी सफाई पेश की और न ही आदेश की पालना की।इस पर आयोग ने कड़ा रुख अख्तियार किया और उन पर दस हजार रुपए का जुर्माना लगाया। साथ ही बारेठ ने आदेश की प्रति विभाग के प्रमुख को भेजने का निर्देश दिया है। यह राशि अधिकारी के वेतन से काटने का निर्देश दिया गया है।

आयोग ने कापरेन नगर पालिका के अधिशाषी अधिकारी पर सूचना अधिकार कानून की अनदेखी करने पर पांच हजार रूपये का जुर्माना लगाया है।आयोग के समक्ष मधु जांगिड ने शिकायत की कि सफाई कर्मचारी भर्ती के बारे में पालिका ने सूचना उपलब्ध नहीं करवाई है। इस पर आयोग ने अधिकारी से सफाई मांगी। लेकिन अधिकारी ने उसे भी अनसुना कर दिया।सूचना आयुक्त ने अधिकारी पर पांच हजार रूपये का जुर्माना लगाते हुए पंद्रह दिन में वांछित सूचना मुहैया कराने का आदेश दिया है।

इसी तरह आयोग ने रामगंज मंडी नगर पालिका के रवैये पर अप्रसन्नता व्यक्त की और अधिकारी पर पांच हजार रूपये का जुर्माना लगाया है।आयोग के सम्मुख एक स्थानीय नागरिक ने शिकायत कर कहा वे पालिका से निर्माण कार्यो और आय व्यय की सूचना मांग रहे थे। लेकिन पालिका कानून की पालना नहीं की।पालिका ने आवेदक से सूचना में वांछित दस्तावेजात की छाया प्रति के छह हजार रूपये जमा करवा लिए।

इस मामले में सुनवाई करते हुए सूचना आयुक्त बारेठ ने पालिका प्रशासन से शुल्क राशि वापस आवेदक को लौटाने और उन्हें रेकॉर्ड के अवलोकन की सुविधा प्रदान करने का निर्देश दिया है। साथ ही पालिका से कहा है आवेदक को चिन्हित एक सो पेज निशुल्क मुहैया करवाए। आयोग ने इन आदेशो की प्रतिया स्थानीय निकाय के निदेशक को भी भेजने का निर्देश दिया है।

– राजस्थान से राजूचारण

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