पूर्णिया/बिहार- दो दिन पहले पूर्णिया के सिपाही टोला दुर्गा मंदिर स्थित एक महिला मीनू कुमारी की हत्या कर दी गई थी । हत्या का आरोप मीनू के भाई और पिता के द्वारा लगाया गया था और इसकी एफआईआर मधुबनी TPO में कर दी गई थी। पर मीनू के ससुराल पक्ष का कहना था कि मीनू ने खुद जान बूझ कर आत्महत्या की है । अभी तक लोग और पुलिस भी इसी असमंजस में थी । सच्चाई का पता नहीं चल पा रहा था कि कौन सही है और कौन गलत। पर अब ये राज मीनू के पोस्टमार्टम रिपोर्ट ने खोल दिया है कि मीनू ने आत्महत्या नही की थी बल्कि उसकी हत्या की गई थी । मीनू के शव का पोस्टमार्टम दो सदस्यीय चिकित्सकों की टीम ने किया था जिसमें डॉ. जोगेन्द्र प्रसाद एवं डा, विमल कुमार शामिल थे।
पुलिस को घटना के बाद उसके ससुराल का घर बंद मिला। घर में कोई भी व्यक्ति नहीं था। पीछे के दरवाजे से पुलिस अंदर गई। पुलिस ने घटनास्थल पर छानबीन के दौरान पाया कि जिस कमरे में मीनू की मौत हुई है उस कमरे के दरवाजे में अंदर से कुंडी ही नहीं था। अगर मीनू आत्महत्या करती तो वो अपना कमरा खुला क्यों छोड़ देती। पुलिस को मीनू के घर से कोई ऐसी सुराग नही मिली जिससे ये पता चलता कि मीन नेआत्महत्या की हो । पुलिस को पहले से भी अंदेशा था कि मीनू की हत्या की गई गई। और अंदेशा को साक्ष्य के रूप में पोस्टमार्टम रिपोर्ट ने अपनी मुहर लगा दी। जब पुलिस ने मीनू की लास सहित गाड़ी को पकड़ा था तो उसमें मीनू के पति कुंदन अम्बष्ठ , के अलावा मीनू के ससुर और देवर भी थे मीनू के ससुराल वालों से जब पुलिस ने पूछ ताछ की थी तो उसका कहना था कि मीनू की तबियत खराब थी उसी को डॉक्टर से दिखा कर घर लौट रहे थे , पर इस फिल्मी कहानी को पुलिस ने पहले ही इंकार कर दिया था । अब पुलिस कर लिए जांच का दायरा और भी बढ़ गया है। जांच चल रही है। लोगो का और मीनू के परिवार वालो का कहना है कि हमे कानून और देश के संविधान पर पूरा भरोसा है। मीनू के हत्यारे को कड़ी से कड़ी सजा मिले ।
-पूर्णिया से शिव शंकर सिंह की रिपोर्ट