उन्नाव- बांगरमऊ सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर नर्स की लापरवाही के चलते एक प्रसव पीड़िता ने प्रसव कक्ष के बाहर ही बच्चे को जन्म दे दिया।समय से इलाज न मिल पाने से बच्चे की मौत हो गई।
परिजनों द्वारा अस्पताल स्टाफ पर पैसे मांगने व घोर लापरवाही बरतने का आरोप लगाया है।
जानकारी के अनुसार कोतवाली क्षेत्र के गांव नद्दी पुरवा निवासी सविता पत्नी मेवालाल को प्रसव पीड़ा के चलते परिजनों द्वारा एंबुलेंस से बीती रात अस्पताल लाया गया। जहां उपस्थित नर्स द्वारा उसे डिलीवरी होने में करीब 2 घंटे समय बता कर उसे बाहर ले जाने के लिए कहा गया। जिस पर प्रसव पीड़िता प्रसव कक्ष के बाहर टहल रही थी ।करीब 1 घंटे बाद असहनीय दर्द होने के चलते जब पुनः नर्स को दिखाया तो उसे दस हजार रुपये देने या वापस जाने के लिए कह दिया ।जिससे आहत परिजन उसे प्रसव कक्ष के बाहर लेकर जा रहे थे।तभी प्रसूता ने एक बच्चे को जन्म दे दिया। जिस पर परिजनों द्वारा काफी प्रयास कर तैनात नर्स को ढूढकर उसे इलाज कराए जाने हेतु गुहार लगाई गई। किंतु बाहर प्रसव होने से बच्चे को समुचित इलाज न मिल पाने के चलते उसकी मृत्यु हो गई ।जिसके शव को परिजनों द्वारा ले जाकर अंतिम संस्कार कर दिया गया।
प्रसव पीड़ित सविता की दादी शांति व चाचा नरसी द्वारा स्टाफ नर्स पर घोर लापरवाही का आरोप लगाते हुए बताया कि वहाँ मौजूद नर्स ने उनसे दस हजार रुपये की मांग की हम लोगों ने कहा कि हमारे पास पैसे नही है जिससे नर्स ने हम लोगों को बाहर जाने के लिए कह दिया। यदि समय से उसके देखरेख की जाती तो उसके बच्चे की जान बचाई जा सकती थी।
वहीं इस पूरे मामले पर बंगरामऊ समुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के अधीक्षक डॉ मुकेश ने बताया कि मामला हमारे संज्ञान में आया है पैसे मांगने की बात को झूठा बताते हुए अपने स्टॉफ को बचाते नज़र आये।