जयपुर से 36 साल पहले लापता हुए गजानंद शर्मा की आज सोमवार को पाक जेल से रिहाई हो चुकी है। इसके बाद वो दोपहर करीब 3.30 बजे भारत पहुंचे। पंजाब से भारतीय नागरिकों को लेकर ट्रेन वाघा बार्डर पहुंची। गजानंद पाकिस्तान की एक जेल में बंद था। बॉर्डर पर गजानंद को लेेने पहुंचे विप्र फाउंडेशन पंजाब के अध्यक्ष सहदेव शर्मा ने कहा, गजानंद की रिहाई हमारे लिए केंद्र सरकार से मिले तोहफे की तरह है। चार महीने पहले अप्रैल में जब पाकिस्तान से उनकी भारतीय नागरिकता संबंधी दस्तावेज सत्यापन के लिए आए थे, तब परिजनों को उनके पाकिस्तान की लाहौर जेल में बंद होने की जानकारी मिली थी।
पाकिस्तान की विभिन्न जेलों में बंद 30 भारतीय नागरिकों को स्वतंत्रता दिवस के दो दिन पहले रिहा किया गया है। इनमें 69 वर्षीय गजानंद शर्मा के साथ 29 मछुआरे भी शामिल हैं। गजानंद पाकिस्तान की लाहौर स्थित लखपत कोट जेल में बंद था।
ट्रेन से पहुंचे वाघा बॉर्डर:-
जानकारी के मुताबिक, 30 भारतीय नागरिकों को रिहाई के बाद वाघा बॉर्डर लाया गया। सहदेव शर्मा ने बताया कि पंजाब से भारतीय नागरिकों को लेकर ट्रेन वाघा बार्डर पहुंची। गजानंद की तबीयत खराब है। कमजोरी के कारण वे ठीक से चल भी नहीं पा रहे थे। भारत की जमीन पर पैर रखते ही सुरक्षाकर्मियों ने उन्हें सहारा दिया।
9 अगस्त को विदेश राज्यमंत्री ने दिया था रिहाई का आश्वासन:-
इससे पहले 9 अगस्त को सांसद रामचरण बोहरा के सहयोग से गजानंद शर्मा की पत्नी मखनी देवी, बेटा मुकेश ने केंद्रीय विदेश राज्यमंत्री वीके सिंह से नई दिल्ली स्थित मुलाकात की थी। तब केंद्रीय विदेश राज्यमंत्री वीके सिंह ने मखनी देवी से बातचीत करते हुए आश्वस्त किया था कि 13 अगस्त को गजानंद पाक जेल से रिहा होंगे। इसके बाद दो से तीन दिन की दूतावास और सुरक्षा एजेंसियों की कार्रवाई के बाद वे परिजनों से मिल सकेंगे।
परिवार में खुशी का माहौल:-
पाक जेल में बंद गजानंद ने बयानों में अपने पैतृक गांव सामोद थानान्तर्गत महार कलां बताया था। इस पर पाकिस्तान ने जांच के लिए कागज भारत भेजे। सामोद पुलिस ने 7 मई को गजानंद के पैतृक गांव पहुंचकर उनके बेटे मुकेश से संपर्क किया। फिर 9 मई को पुलिस थाने दस्तावेज के सत्यापन के लिए पहुंचे। तब मुकेश को उसके पिता गजानंद के पाकिस्तान जेल में बंद होने का पता चला।