स्थानीय लोगों के अनुसार 12 वर्षों से हो रहा है सड़क बनाने का दावा:अभी तक नहीं बनी सड़क

*पीएम के प्रस्तावित आदर्श गांव डोमरी की जनता नरक में जी रही

वाराणसी – प्रधानमंत्री का संभावित आदर्श ग्राम डुमरी के लोग नरक की जिंदगी जी रहे हैं।इस गांव की इस सड़क पर पैदल चलना भी मुश्किल हो गया है। बीते अप्रैल में प्रधानमंत्री की आगमन की सूचना मिलते ही आनन फानन में जिलाधिकारी ने डुमरी गांव पहुंच कर चौपाल लगाया था । इस दौरान लोगों ने उनसे अपनी समस्याओं को रखते हुए सड़को के खस्ता हाल और कहीं कहीं सड़क न होने की बात से उन्हें अवगत कराया था। जिसके बाद उन्होंने पीडब्लूडी के अफसरों को मुख्य मार्ग और संपर्क मार्गों को बनवाने के निर्देश दिए थे। मगर अब तक सड़क न बनने से रतनपुर गाँव की सड़क जो कि डुमरी गांव को जोड़ती है पहली ही बारिश से दलदल बन चुकी है। इसी दलदल बनी सड़क पर गाँव वाले आने जाने के लिए मजबूर हैं । विकास की उम्मीद लिए डुमरी गाँव के लोंगो ने भी अपना मत दिया है। उन्हें भी इस बात पर सुनने पर खुशी होती है कि वे प्रधानमंत्री के संसदीय क्षेत्र में है । मगर ये खुशी बस सुनने तक ही होती है क्योंकि जब वे अपने दलदल बनी सड़को पर चलते है तब उनके विकास के सपनों पर पानी फिर जाता है फिर प्रशासन को कोसते नजर आते हैं। यह सड़क चन्दौली और वाराणसी की सीमा पर है। जिसमें आधी सड़क चंदौली और आधी वाराणसी में पड़ती है। चंदौली की हिस्से वाली सड़क बन चुकी है मगर वाराणसी के हिस्से की सड़क नही बनी। इस गांव के लोगों ने बताया कि 12 वर्षों से वे इस सड़क को बनवाने के लिए प्रयासरत हैं मगर सरकार और प्रशासन की उदासीनता की वजह से अब भी वे मिट्टी से सने दलदल पर बाइक तक नही ले जा पा रहे। ग्राम प्रधान बाबूलाल ने बताया कि सड़क को बनाने के लिए 6 महीने पूर्व हीं जिला अध्यक्ष अमित सोनकर के मद से पैसा भी पास हो चुका है पर सड़क अभी तक नहीं बनी। विकास का यह हाल उस गांव का है जिसे देश के प्रधानमंत्री गोद ले रहे हैं।तो जरा सोचिए बाकियों का क्या हाल है यह सड़क सरकार और स्थानीय जन प्रतिनिधियों के कथनी और करनी को बखूबी दर्शा रही है।

रिपोर्टर-:महेश पाण्डेय वाराणसी

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *