इलाहाबाद- इलाहाबाद हाईकोर्ट ने एक बार फिर शिक्षामित्रों के प्रकरण पर योगी सरकार को झटका दे दिया और शिक्षामित्रों की नियुक्ति देने के लिए शिक्षकों हटाने के लिए साफ मना कर दिया है उन्होने कहा कि कि शिक्षामित्रों को नियुक्ति के लिए शिक्षकों को नहीं हटाया जा सकता है।
जानकारी के अनुसार इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कहा कि शिक्षामित्रों को सहायक अध्यापक के पदों से नहीं जोड़ा जा सकता है क्योंकि एक पैराटीचर हैं इस लिए उन्हें शिक्षक के तौर पर नहीं गिना जा सकता है।
बाता दें कि योगी सरकार ने शिक्षामित्रों की नाराजगी को दूर करने के लिए उनके मूल स्थान या उनके पति की नौकरी स्थान वाले स्कूलों में वापसी का विकल्प दिया है और साथ ही यह भी कहा था कि यदि किसी स्कूल में शिक्षक अधिक है तो उन्हे दूसरी जगह भेजा जाए।
इस पर हाईकोर्ट ने कहा कि शिक्षामित्र संविदा पर नियुक्त हैं। सुप्रीम कोर्ट ने उनके समायोजन प्रस्ताव को रद्द कर दिया है, ऐसे में शिक्षामित्रों को उनके मूल पदों पर तैनाती देने में सहायक अध्यापक को नहीं हटाया जाए। हाईकोर्ट ने यह भी कहा कि शिक्षामित्र को शिक्षक मानना बेसिक शिक्षा (अध्यापक) सेवा नियमावली, 1981 का उल्लंघन हैं।